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नॉन-लेदर फुटवियर में ताइवान और वियतनाम की कंपनियों ने दिखाई दिलचस्पी, CLE बोला– सरकारी समर्थन की जरूरत

ताइवान और वियतनाम की कंपनियां भारत के गैर-चमड़ा फुटवियर क्षेत्र में निवेश करना चाहती हैं, CLE ने सरकार से आयात और उत्पादन सुगमता के लिए समर्थन की मांग की है।

Last Updated- July 13, 2025 | 10:15 PM IST
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प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

ताइवान और वियतनाम की कंपनियां भारत के गैर-चमड़ा फुटवियर क्षेत्र में निवेश करने की इच्छुक हैं। चमड़ा निर्यात परिषद (सीएलई) के चेयरमैन आर के जालान ने रविवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि इन देशों की कंपनियों के निवेश को सुगम बनाने के लिए सरकारी समर्थन बेहद जरूरी है।

जालान ने कहा कि ताइवान और वियतनाम की ये कंपनियां चीन जैसे देशों से जूतों के सोल, सांचे, मशीनरी और कपड़े जैसे उत्पाद आयात करती हैं। उन्होंने कहा, ‘वियतनामी और ताइवानी कंपनियां भारत में निवेश करने की इच्छुक हैं। हमें उनका समर्थन करने की ज़रूरत है ताकि वे अपनी विनिर्माण सुविधाओं के लिए इन वस्तुओं का देश में आसानी से आयात कर सकें।’ कानपुर की कंपनी ग्रोमोर इंटरनैशनल लिमिटेड के प्रबंध निदेशक यादवेंद्र सिंह सचान ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ताइवानी कंपनियां पहले ही तमिलनाडु की कंपनियों में निवेश कर चुकी हैं। सचान ने कहा, ‘उनके पास गैर-चमड़े के जूता-चप्पल क्षेत्र में सर्वोत्तम तकनीकें हैं। उनके आने से घरेलू कंपनियों को गुणवत्तापूर्ण उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी।’

सचान ने कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार में निवेश के अपार अवसर हैं, क्योंकि इन राज्यों में किफायती श्रम उपलब्ध है। देश का निर्यात अच्छी दर से बढ़ रहा है और परिषद 2025-26 में सात अरब डॉलर मूल्य के निर्यात का लक्ष्य लेकर चल रही है। वित्त वर्ष 2024-25 में निर्यात 5.75 अरब डॉलर रहा था। 95.7 करोड़ डॉलर (लगभग 20 प्रतिशत हिस्सेदारी) मूल्य के निर्यात के साथ अमेरिका भारतीय निर्यातकों के लिए शीर्ष गंतव्य रहा। इसके बाद ब्रिटेन (11 प्रतिशत) और जर्मनी का स्थान है। जालान ने कहा,‘हमें इस वर्ष निर्यात में लगभग 18 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है। देश में विनिर्माण को बढ़ावा देने से निर्यात और रोजगार सृजन को और बढ़ावा मिलेगा।’ 

First Published - July 13, 2025 | 10:15 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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