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Go First के आरपी से मांगा हलफनामा

Go First के विमानों का रखरखाव नहीं हुआ

Last Updated- December 05, 2023 | 9:33 PM IST
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ठप पड़ी विमानन कंपनी गो फर्स्ट के एक पट्टादाता ने आज दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष सवाल किया कि क्या यह विमानन कंपनी जान और अंगों को जोखिम में डाले बिना परीक्षण उड़ान भरने में भी सक्षम है? अदालत ने गो फर्स्ट के समाधान पेशेवर (आरपी) को विमान पट्टेदाता की अवमानना याचिका पर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।

विमान पट्टादाता डीएई (एसवाई22) 13 आयरलैंड डेजिग्नेटेड एक्टिविटी कंपनी ने यह कहते हुए अवमानना याचिका दायर की है कि समाधान पेशेवर ने उन्हें अपने ही विमान के रिकॉर्ड/दस्तावेजों तक पहुंच देने से इनकार किया और इस तरह 12 अक्टूबर के फैसले का उल्लंघन किया है।

पट्टादाता ने कहा कि समाधान पेशेवर को जानबूझकर अदालत के आदेशों का पालन करने से मना कर दिया गया है। समाधान पेशेवर को 10 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है और अदालत ने कहा कि विमान और अन्य हिस्सों के रखरखाव के निर्देश संबंधी उसके आदेशों का पालन किया जाना चाहिए। अवमानना मामले की सुनवाई अब 12 दिसंबर को होगी।

पट्टादाता के वकील ने कहा ‘ये (विमान) लाखों डॉलर की संपत्ति हैं। मेरे प्रबुद्ध मित्र (समाधान पेशेवर) का कहना है कि हम विमान उड़ाने के लिए तैयार हैं। आदेश के तहत वे कुछ नहीं कर रहे हैं। 19 मई के बाद कोई रखरखाव नहीं हुआ है।

ये अदालत के आदेश हैं, जिनका अवश्य ही सम्मान किया जाना चाहिए। सुनवाई जितनी लंबी चलेगी, समाधान पेशेवर की विमान रखरखाव की जिम्मेदारी उतनी ही अधिक होगी।’ न्यायमूर्ति तारा वितास्ता गंजू ने कहा कि इस मामले में मुख्य संपत्ति विमान हैं और अगर उनका सही से रखरखाव नहीं होता है तो इससे हरेक को परेशानी होगी।

First Published - December 5, 2023 | 9:33 PM IST

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