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Reliance Jio की सैटकॉम स्पेक्ट्रम पर समान अवसर सुनिश्चित करने को ज्योतिरादित्य सिंधिया से की हस्तक्षेप की मांग

जियो ने दूरसंचार नियामक ट्राई द्वारा प्रस्तावित स्पेक्ट्रम आवंटन नियम पर संशोधित परामर्श पत्र जारी करने के लिए केंद्रीय मंत्री से हस्तक्षेप करने को कहा है।

Last Updated- October 13, 2024 | 8:14 PM IST
Reliance Jio

दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो ने स्थलीय और उपग्रह संचालकों के बीच समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से हस्तक्षेप करने की मांग की है। जियो ने दूरसंचार नियामक ट्राई द्वारा प्रस्तावित स्पेक्ट्रम आवंटन नियम पर संशोधित परामर्श पत्र जारी करने के लिए केंद्रीय मंत्री से हस्तक्षेप करने को कहा है।

रिलायंस जियो ने सिंधिया को लिखे पत्र में 2जी मामले में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का हवाला दिया और संकेत दिया कि समान अवसर के सवाल को शामिल करने में ट्राई की विफलता से कानूनी विवाद पैदा हो सकता है।

यह पत्र भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा जियो के उस अनुरोध को अस्वीकार करने के बाद आया है, जिसमें उसने स्थलीय नेटवर्क कम्पनियों, जो जमीन पर स्थापित टावरों का उपयोग करके मोबाइल फोन सेवाएं प्रदान करती हैं, तथा उपग्रह आधारित संचार सेवाएं प्रदान करने वाली कम्पनियों के बीच समान अवसर के बारे में प्रश्न शामिल करने का अनुरोध किया था।

ट्राई ने 27 सितंबर, 2024 को देश में कॉलिंग, मैसेजिंग, ब्रॉडबैंड और अन्य सेवाएं प्रदान करने के लिए सैटेलाइट कंपनियों को स्पेक्ट्रम आवंटित करने की पद्धति और कीमत का पता लगाने के लिए एक परामर्श प्रक्रिया शुरू की।

रिलायंस जियो ने 10 अक्टूबर को लिखे पत्र में कहा है कि एलन मस्क की स्टारलिंक, अमेजन की कुपियर, भारती समूह समर्थित वनवेब यूटेलसैट और एसईएस-जियो संयुक्त उद्यम जैसी उपग्रह संचार कंपनियों ने भारत में अपनी सेवाएं प्रदान करने में रुचि व्यक्त की है, जो सीधे भूमि आधारित मोबाइल नेटवर्क के साथ प्रतिस्पर्धा करेंगी और इसलिए स्तरीय प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए उपग्रह सेवाओं के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी नीलामी प्रणाली आवश्यक है।

First Published - October 13, 2024 | 8:14 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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