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क्या Patanjali के रामदेव और बालकृष्ण को मिलेगी माफी? SC ने एक सप्ताह का समय दिया

'आप इतने भोले नहीं हैं कि कोर्ट में क्या चल रहा है उससे अनजान थे': SC ने पतंजलि प्रमुखों को फटकार लगाई

Last Updated- April 16, 2024 | 10:31 PM IST
Delhi High Court orders Baba Ramdev's Patanjali to remove claims of 'cure' for Covid-19 within 3 days दिल्ली हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव की पतंजलि को दिया आदेश, Covid-19 के 'इलाज' के दावों को 3 दिन के अंदर हटाएं

सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि वह इस बात पर विचार करेगा कि एलोपैथी के बारे में गुमराह करने वाले विज्ञापन के लिए पतंजलि आयुर्वेद के संस्थापक बाबा रामदेव और प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण की माफी को स्वीकार किया जाए या नहीं।

अदालत ने उन्हें सार्वजनिक बयान देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। न्यायालय ने कहा, ‘हम यह नहीं कह रहे हैं कि आपको माफ कर देंगे। हम आपके पुराने इतिहास की अनदेखी नहीं कर सकते। हम आपकी माफी पर विचार- विमर्श करेंगे।’

पीठ ने मंगलवार को बाबा रामदेव और बालकृष्ण, दोनों के संबंध में ये बातें कहीं। अदालत के आदेश के अनुसार, मंगलवार को बाबा रामदेव और बालकृष्ण, दोनों ही उपस्थित हुए। दोनों ने अदालत से माफी मांगी, लेकिन न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह के पीठ ने कहा कि वे अभी तक आश्वस्त नहीं हैं।

कोहली ने कहा, ‘आप इतने भोले नहीं हैं कि कोर्ट में जो कुछ चल रहा है, उससे आप अनजान थे।’ पतजंलि के वकील मुकुल रोहतगी द्वारा हलफनामा पेश किए जाने के बाद न्यायालय ने कहा कि यह मामला 23 अप्रैल को फिर से सुना जाएगा। रोहतगी ने कहा कि वे कुछ कदम उठाएंगे।

अदालत के आदेश में कहा गया, ‘प्रस्तावित अवमाननाकर्ता (रामदेव और बालकृष्ण) अपनी पहल पर और एकतरफा कुछ कदम उठाएंगे। वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने इसके लिए एक सप्ताह का समय दिए जाने का अनुरोध किया है। अदालत ने रेस्पोडेंट 5-6 के अनुरोध पर प्रस्तावित अवमाननाकर्ताओं के साथ भी बातचीत की है।’

‘यह सुनिश्चित किया गया है कि दोनों अवमानताकर्ता अगली तारीख पर मौजूद रहेंगे।’ जस्टिस अमानुल्ला ने कहा, ‘आप एलोपैथी के महत्व को कम नहीं बता सकते। आप आपना काम कीजिए। आपको दूसरों पर उंगली नहीं उठानी चाहिए। कानून सबके लिए समान है।’

जस्टिस कोहली ने कहा, ‘आपको यह पता था कि आपके वकीलों ने अदालत में वचन (दवाओं के अन्य स्वरूपों के खिलाफ बयान नहीं देने का) दिया है। कल आप यह भी कहेंगे कि इससे आप अवगत नहीं थे। आप कई करोड़ की कंपनी हैं और आपके पास कानूनी टीम भी है। आप इतने मासूम नहीं हैं।’

अदालत ने यह भी कहा कि किसी विशेष रोग के उपचार के लिए दवाओं का प्रचार करने की अनुमति नहीं है। बालकृष्ण ने अदालत से कहा, ‘यह सब अज्ञानता के कारण हुआ। हम इसके लिए माफी मांगते हैं।’

First Published - April 16, 2024 | 10:31 PM IST

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