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AGR मामले में सुप्रीम कोर्ट से दूरसंचार कंपनियों को झटका, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया की याचिका खारिज

इस आदेश में दूरसंचार विभाग (डीओटी) को एजीआर की गणना में सभी गैर-दूरसंचार राजस्व शामिल करने की अनुमति दी गई थी।

Last Updated- September 19, 2024 | 10:31 PM IST
supreme court

समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) मामले पर कुछ राहत पाने की दूरसंचार कंपनियों की आखिरी उम्मीद भी खत्म हो गई है। उच्चतम न्यायालय ने एजीआर रकम की समीक्षा एवं इसकी गणना के लिए दूरसंचार कंपनियों खासकर भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया की उपचारात्मक याचिका खारिज कर दी है।

न्यायालय ने 2019 में अपने एक आदेश में इन कंपनियों को एजीआर के मद में बकाया रकम का भुगतान करने का आदेश दिया था। इस आदेश में दूरसंचार विभाग (डीओटी) को एजीआर की गणना में सभी गैर-दूरसंचार राजस्व शामिल करने की अनुमति दी गई थी।

दूरसंचार कंपनियों के लिए एजीआर के मद में कुल बकाया 1.43 लाख करोड़ रुपये का बोझ कुछ कम करने का आखिरी विकल्प भी खत्म हो गया। इस रकम में लगभग 75 प्रतिशत हिस्सा ब्याज, जुर्माना और जुर्माने पर ब्याज का है।

सरकार को इन कंपनियों से 92,461 करोड़ रुपये लाइसेंस शुल्क और 55,000 करोड़ रुपये स्पेक्ट्रम उपयोगिता शुल्क के रूप में मिलनी थी, जिनकी गणना एजीआर के 5 प्रतिशत और 3 प्रतिशत के रूप में की गई थी। वर्ष 2020 में शीर्ष न्यायालय ने भुगतान में असफल रहने की स्थिति में इन दूरसंचार कंपनियों को जुर्माना और ब्याज देने का निर्देश दिया था।

न्यायालय के नए आदेश के बाद अब पूरी तरह साफ हो गया है कि एजीआर रकम की समीक्षा नहीं की जाएगी और न ही इसमें कोई संशोधन किया जाएगा। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायाधीश संजीव खन्ना और बी आर गवई ने 30 अगस्त को यह आदेश दिया था जिसे गुरुवार को सार्वजनिक किया गया।

करंजावाला ऐंड कंपनी में प्रिंसिपल एसोसिएट अंकित राजगढ़िया ने कहा, ‘उपचारात्मक याचिकाएं अति विशेष मामलों में दायर किए जाती हैं और न्याय करने में गंभीर त्रुटि होने पर ही इन पर विचार किया जाता है।‘

नकदी की कमी से जूझ रही वोडाफोन आइडिया पर वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही की समाप्ति पर 2.09 लाख करोड़ रुपये कर्ज था, जिनमें स्पेक्ट्रम भुगतान की देनदारियां भी शामिल हैं। न्यायालय के आदेश के बाद वोडाफोन आइडिया का शेयर गुरुवार को 19.7 प्रतिशत फिसल कर 10.40 रुपये पर बंद हुआ। टावर प्रबंधन कंपनी इंडस टावर का शेयर भी 8.2 प्रतिशत टूट कर 393 रुपये पर बंद हुआ।

हालांकि, भारती एयरटेल का शेयर 1 प्रतिशत बढ़त के साथ बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 1,711 रुपये पर पहुंच गया था मगर बाद में 1.03 प्रतिशत की बढ़त दर्ज कर 1,672 रुपये पर बंद हुआ। विश्लेषकों का कहना है कि शीर्ष न्यायालय से खाली हाथ लौटने पर अब दूरसंचार कंपनियों को अपने ऊपर कर्ज को हिस्सेदारी में बदलना होगा क्योंकि अब भी उन पर भारी भरकम बोझ है।

निवेश एवं पूंजी बाजार समूह सीएलएसए ने कहा कि एजीआर पर राहत नहीं मिलने के बाद वोडाफोन आइडिया को वित्त वर्ष 2026 की दूसरी छमाही की शुरुआत से वित्तीय संकट का सामना करना पड़ सकता है। उस वक्त कंपनी को सालाना स्पेक्ट्रम और एजीआर का भुगतान सरकार को करना होगा।

First Published - September 19, 2024 | 10:31 PM IST

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