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अमेरिका सुरक्षित देश, भारतीय छात्रों का रखता है काफी ख्याल: राजदूत एरिक गार्सेटी

इस साल जनवरी से अमेरिका में भारतीय और भारतवंशी छात्रों की मौतों से जुड़ी खबरों के बीच गार्सेटी की यह टिप्पणी आई है।

Last Updated- April 26, 2024 | 11:28 PM IST
US safe country, cares deeply for well-being of Indian students: Ambassador Garcett अमेरिका सुरक्षित देश, भारतीय छात्रों का रखता है काफी ख्याल: राजदूत एरिक गार्सेटी
US Ambassador to India Eric Garcetti

हालिया समय में अमेरिका में कुछ भारतीय छात्रों की मौत की घटनाओं के बीच अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि अमेरिका एक सुरक्षित देश है और यह भारतीय छात्रों का काफी ख्याल रखता है। उन्होंने छात्रों के अभिभावकों को आश्वासन दिया कि ‘उनके बच्चे जब अमेरिका में होते हैं (तो) वे हमारे बच्चे हैं।’’

इस साल जनवरी से अमेरिका में भारतीय और भारतवंशी छात्रों की मौतों से जुड़ी खबरों के बीच गार्सेटी की यह टिप्पणी आई है। अमेरिका भारतीय छात्रों के बीच उच्च अध्ययन के लिए पसंदीदा स्थान बना हुआ है, लेकिन हालिया घटनाओं ने भारत-अमेरिकी समुदाय के साथ-साथ भारतीय आबादी के बीच भी चिंता बढ़ा दी है।

‘अमेरिकन सेंटर’ में गार्सेटी ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘हम अमेरिका में भारतीय छात्रों का काफी ख्याल रखते हैं। हम चाहते हैं कि अभिभावक यह जान लें कि जब उनके बच्चे अमेरिका में होते हैं तो वे हमारे बच्चे होते हैं। वहां संसाधनों का खजाना है जो छात्रों को तैयारी करने में मदद कर सकता है चाहे वह मानसिक स्वास्थ्य का मामला हो…।’’

पिछले कुछ महीनों में छात्रों की मौतों पर दुख व्यक्त करते हुए भारत में अमेरिकी राजदूत ने जोर दिया कि ‘‘अमेरिका एक सुरक्षित देश है।’’

गार्सेटी ने रेखांकित किया कि विदेश में पढ़ने वाले छात्रों को लोगों से जुड़ना चाहिए, वहां उनके भरोसेमंद दोस्त होने चाहिए और अगर कोई खतरनाक स्थिति हो तो उससे अवगत होना चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों को यह भी पता होना चाहिए कि कोई मानसिक स्वास्थ्य समस्या हो तो क्या करना चाहिए। अमेरिकी राजदूत ने कहा कि अमेरिका में अध्ययन करने जा रहे छात्रों को विश्वविद्यालय परिसर की सुरक्षा, स्थानीय कानून से भी वाकिफ होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि ‘‘ये सभी चीजें कभी-कभी छात्रों को नहीं पता होती हैं, क्योंकि उनके लिए नया देश होता है।’’ लॉस एंजिलिस के महापौर रह चुके गार्सेटी ने अध्ययन के दौरान व्यक्तिगत सुरक्षा के अपने अनुभव को भी साझा किया।

उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं छात्र था, मैं 1980 के दशक में न्यूयॉर्क गया था, जो उस समय काफी खतरनाक शहर था। मैंने परिसर में सुरक्षा की बात सुनी थी कि ‘रात में यहां मत जाओ, वहां मत जाओ। यह सब मोबाइल फोन आने के पहले की बात है। अब, 2024 में हमारे पास उस समय की तुलना में बहुत अधिक संसाधन हैं।’’

भारतीय छात्रों के एक समूह के लिए अमेरिका जाने से पहले यहां ‘अमेरिकन सेंटर’ में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिन्हें पर्ड्यू विश्वविद्यालय, वर्जीनिया विश्वविद्यालय, पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय, कॉर्नेल विश्वविद्यालय और लॉस एंजिल्स विश्वविद्यालय जैसे विभिन्न विश्वविद्यालयों में विभिन्न शैक्षणिक कार्यक्रमों के लिए चुना गया है। कई छात्र इस कार्यक्रम में ऑनलाइन भी शामिल हुए।

गार्सेटी ने छात्रों के साथ संक्षिप्त बातचीत की और उनसे अमेरिका में अपने समय का सर्वोत्तम उपयोग करने और संसाधनों का अच्छा उपयोग करने के लिए कहा। राजदूत ने कहा कि अमेरिकी विश्वविद्यालय भारतीय छात्रों सहित छात्रों को जबरदस्त अनुभव प्रदान करने के लिए ‘‘विशिष्ट स्थान’’ हैं और वह चाहते हैं कि सभी छात्रों को वह समृद्ध अनुभव मिले।

हालिया घटनाओं के मद्देनजर गार्सेटी ने कहा, ‘‘…चाहे वह अमेरिका में हो, या भारत में हो, छात्रों के साथ घटनाएं होती हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि किसी भी घटना से कोई जुड़ाव नहीं मिला है। भारतीय छात्रों को निशाना बनाए जाने का कोई सबूत नहीं है।’’

गार्सेटी ने कहा, ‘‘अमेरिका एक सुरक्षित देश है। छात्रों को सुरक्षित महसूस करने में मदद करने के लिए बहुत सारे संसाधन हैं। लेकिन अगर वे संपर्क नहीं करते हैं, तो हमें घटनाओं के बारे में पता नहीं चलेगा और तब तक देर हो जाती है।’’

अप्रैल में, 25 वर्षीय एक भारतीय छात्र अमेरिकी शहर क्लीवलैंड में मृत पाया गया था। उमा सत्य साईं की इस महीने ओहियो में मृत्यु हो गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है। छात्र पिछले महीने से लापता था।

पर्ड्यू विश्वविद्यालय में 23 वर्षीय भारतीय-अमेरिकी छात्र समीर कामथ पांच फरवरी को इंडियाना में मृत पाए गए थे। इस तरह के मामलों के मद्देनजर, गार्सेटी ने कहा कि अमेरिका छात्रों और उनके अभिभावकों को ऐसे संसाधन उपलब्ध कराना चाहता है जो छात्रों को सुरक्षित रहने में मदद कर सकें जैसे वेबसाइट, विभिन्न संगठनों के लिंक।

उन्होंने छात्रों से परिसर में सुरक्षा संबंधी निर्देश का पालन करने का भी आग्रह किया। बड़ी संख्या में भारतीय छात्र अमेरिकी विश्वविद्यालयों में पढ़ाई करने जाते हैं। पिछले साल भारत में अमेरिकी कांसुलर टीम ने 1,40,000 से अधिक छात्र वीजा जारी किए।

First Published - April 26, 2024 | 8:16 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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