facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

एशिया-प्रशांत क्षेत्र के वित्तीय संस्थान नहीं होंगे प्रभावित: मूडीज

Last Updated- March 14, 2023 | 10:11 PM IST
Moody's

एशिया-प्रशांत क्षेत्र के ज्यादातर वित्तीय संस्थानों का अमेरिका के विफल बैंकों से कोई सरोकार नहीं है और सिलिकन वैली बैंक की तरह वे ऋण प्रतिभूति होल्डिंग को लेकर जोखिम में भी नहीं हैं।

मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने मंगलवार को ये बातें कही। उल्लेखनीय है कि अमेरिकी नियामकों ने 12 मार्च को सिग्नेचर बैंक को बंद करने का निर्णय किया। इससे ठीक दो दिन पहले सिलिकन वैली बैंक को बंद करने का फैसला किया गया था।

बड़े पैमाने पर ग्राहकों के अपने जमा निकाल लेने से ये बैंक संकट में आ गए। मूडीज ने कहा कि इन घटनाक्रमों से निवेशक सतर्क हो गए हैं, ऐसे में दुनियाभर के बॉन्ड बाजारों में नकदी का संकट खड़ा हो सकता है।

हालांकि संरचनात्मक कारकों की वजह से एशिया-प्रशांत के वित्तीय संस्थानों पर इसका प्रभाव सीमित ही रहने वाला है। उसने एक बयान में कहा, ‘एशिया-प्रशांत क्षेत्र के ज्यादातर संस्थानों का अमेरिका के विफल बैंकों से कोई सरोकार नहीं है, गिनेचुने संस्थानों का मामूली रूप से लेना-देना है। अंतत: ज्यादातर संस्थानों को ऋण प्रतिभूति होल्डिंग्स से उतना बडा घाटा होने का जोखिम नहीं है जितना कि सिलिकन वैली बैंक को था।’

मूडीज ने कहा कि उसकी रेटिंग में शामिल एशिया-प्रशांत के बैंकों के पास संरचनात्मक रूप से स्थिर कोष और पर्याप्त नकदी है। उनके जमाकर्ता विविध क्षेत्रों से हैं और क्षेत्र के किसी भी बैंक का प्रौद्योगिकी कंपनियों से बहुत अधिक लेना-देना नहीं है।

इसके अलावा इस क्षेत्र के बैंकों के जमा में आमतौर पर किसी भी एकल ग्राहक का जमा बहुत अधिक नहीं होता है। उसने कहा कि क्षेत्र के ज्यादातर बैंकों का वित्तपोषण ग्राहकों के जमा से होता है, उनका बाजार उधार भी उनकी कुल परिसंपत्तियों का औसतन करीब 16 फीसदी है, जो बहुत अधिक नहीं है।

First Published - March 14, 2023 | 10:11 PM IST

संबंधित पोस्ट