भारत ने अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों के नाम बदलने की चीन की कोशिशों को सिरे से खारिज करते हुए बुधवार को कहा कि इस तरह के ‘‘बेतुके’’ प्रयासों से यह ‘‘निर्विवाद’’ सच्चाई नहीं बदलेगी कि यह राज्य ‘‘भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा।’’ भारत ने अरुणाचल प्रदेश के कुछ स्थानों के लिए चीन द्वारा उसके नामों की घोषणा किए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए यह टिप्पणी की है।
चीन दावा करता है कि अरुणाचल प्रदेश तिब्बत का दक्षिणी भाग है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘‘हमने देखा है कि चीन ने भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश में स्थानों का नाम बदलने के व्यर्थ और बेतुके प्रयास किए हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम इस तरह के प्रयासों को अपने सैद्धांतिक रुख के अनुरूप स्पष्ट रूप से अस्वीकार करते हैं।’’
जायसवाल ने इस मुद्दे पर मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए ये टिप्पणियां कीं। उन्होंने कहा, ‘‘रचनात्मक नाम रखने से यह निर्विवाद वास्तविकता नहीं बदलेगी कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न एवं अविभाज्य अंग था, है और हमेशा रहेगा।’’
Our response to media queries on renaming places in Arunachal Pradesh by China (May 14, 2025)
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— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) May 14, 2025
यह प्रतिक्रिया चीन की ओर से अरुणाचल प्रदेश के विभिन्न स्थानों को चीनी नाम देने की निरंतर प्रथा के बाद आई है, जिसे भारत इस क्षेत्र पर टेरिटोरियल दावा बनाने के प्रयास के रूप में देखता है। नई दिल्ली ने बार-बार इन कार्रवाइयों को निराधार और राजनीति से प्रेरित बताकर खारिज किया है।
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चीन लंबे समय से दावा करता रहा है कि पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश उसके अपने क्षेत्र का हिस्सा है। इसमें समय-समय पर राज्य के कस्बों, गांवों और भौगोलिक विशेषताओं के लिए चीनी नामों की सूची जारी करना, अरुणाचल प्रदेश के निवासियों को स्टाम्प वाले वीजा के बजाय स्टेपल वीजा जारी करना और क्षेत्र में भारत द्वारा बुनियादी ढांचे और विकास परियोजनाओं का विरोध करना शामिल है। चीन अक्सर राज्य को “दक्षिण तिब्बत” के रूप में दिखाता है।