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आर्थिक रूप से FTA से अधिक प्रभावी साबित होगा IPEF: अमेरिकी कॉमर्स मंत्री

Last Updated- March 09, 2023 | 4:59 PM IST

अमेरिकी कॉमर्स मंत्री जीना रायमोंडो ने गुरुवार को उम्मीद जताई कि आर्थिक रूप से हिंद-प्रशांत आर्थिक ढांचा (IPEF) भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) से अधिक प्रभावी साबित होगा।

IPEF को अमेरिका और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के अन्य भागीदार देशों द्वारा संयुक्त रूप से 23 मई को तोक्यो में जारी किया गया था। IPEF के 14 भागीदार देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के 40 प्रतिशत और वैश्विक वस्तुओं तथा सेवाओं के व्यापार के 28 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह ढांचा व्यापार, आपूर्ति श्रृंखला, स्वच्छ अर्थव्यवस्था और निष्पक्ष अर्थव्यवस्था (कर और भ्रष्टाचार से जुड़े मुद्दे) से संबंधित चार स्तंभों पर आधारित है।

भारत ने व्यापार स्तंभ से बाहर रहने का विकल्प चुना है और सप्लाई चेन, स्वच्छ अर्थव्यवस्था और निष्पक्ष अर्थव्यवस्था से संबंधित शेष तीन स्तंभों में शामिल होने का फैसला किया है।

रायमोंडो ने कहा कि भारत के साथ किसी व्यापार समझौता पर फिलहाल चर्चा नहीं हो रही है और अमेरिकी कांग्रेस ने कहा है कि उसे FTA के लिए कोई जल्दी नहीं है। उन्होंने कहा, ”मुझे उम्मीद है कि आईपीईएफ… मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह एफटीए की तुलना में कई मायनों में आर्थिक रूप से अधिक प्रभावशाली साबित होगा।”

उन्होंने कहा कि यह ढांचा आधुनिक व्यापार समझौते के समान होगा। उन्होंने कहा कि आईपीईएफ दोनों देशों के बीच पारंपरिक एफटीए की तुलना में रोजगार सृजन में अधिक मदद करेगा।

सेमीकंडक्टर क्षेत्र में सहयोग के बारे में पूछने पर अमेरिकी वाणिज्य मंत्री ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच इस क्षेत्र पर औपचारिक चर्चा होगी। उन्होंने कहा, ”मैं अपने समकक्ष (वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल) के साथ इस पर काम कर रही हूं। कल सीईओ मंच की आधिकारिक बैठकें और वाणिज्यिक संवाद होने हैं और हम सेमीकंडक्टर पर महत्वपूर्ण बात करेंगे। हम अमेरिकी सरकार और भारत सरकार के बीच एक औपचारिक चर्चा करेंगे।”

उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर डिजाइन और प्रौद्योगिकी पर भारत और अमेरिका के बीच तालमेल है। रायमोंडो ने कहा कि सेमीकंडक्टर के लिए अमेरिका और दुनिया ताइवान पर बहुत अधिक निर्भर है और इस क्षेत्र में ”हमारी भारत सहित अपने सहयोगियों के साथ मिलकर काम करने की इच्छा है।” उन्होंने यह भी कहा कि व्यापार और निवेश बढ़ाने के लिए दोनों देशों में बड़े अवसर हैं।

First Published - March 9, 2023 | 4:59 PM IST

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