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ताइवान की प्रमुख कंपनियां अपने उत्पादन केंद्र भारत में लाना चाहती हैं: नीति निर्माता

प्रमुख ताइवानी प्रौद्योगिकी कंपनियां अपना जोखिम कम करने के लिए अपने विनिर्माण केंद्रों को भारत में स्थानांतरित करने पर विचार कर रही हैं।

Last Updated- July 02, 2023 | 1:37 PM IST

चीन के साथ ताइवान के बढ़ते तनाव के बीच इस स्वशासित द्वीप के शीर्ष नीति निर्माताओं ने कहा है कि प्रमुख ताइवानी प्रौद्योगिकी कंपनियां अपना जोखिम कम करने के लिए अपने विनिर्माण केंद्रों को भारत में स्थानांतरित करने पर विचार कर रही हैं।

ताइवान के राष्ट्रीय विकास उप मंत्री काओ शिएन-क्यू ने कहा कि सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों के विनिर्माण सहित उभरती और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के क्षेत्रों में नई दिल्ली और ताइपे के बीच सहयोग की बहुत अधिक गुंजाइश है।

उन्होंने अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों के एक समूह के साथ बातचीत में कहा कि ताइवान की प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनियां अपनी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के लिए भारत को एक प्रमुख गंतव्य के रूप में देख रही हैं। चुंग-हुआ इंस्टीट्यूशन ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च में स्थित प्रमुख थिंक-टैंक ताइवान आसियान अध्ययन केंद्र की निदेशक क्रिस्टी त्सुन-त्जु सू ने भारत को ताइवान के लिए एक महत्वपूर्ण देश बताया।

उन्होंने कहा कि चीन में काम करने वाली ताइवानी कंपनियां अपने स्थानीय ग्राहकों को बनाए रखते हुए भारत में आपूर्ति श्रृंखला की स्थापना करना चाह रही हैं।

बीजिंग के साथ वाशिंगटन के व्यापार विवाद और ताइवान के आसपास चीनी सेना की बढ़ती मौजूदगी के कारण प्रमुख ताइवानी कंपनियां अपने उत्पादन केंद्रों को चीन से यूरोप, अमेरिका और भारत जैसे देशों में स्थानांतरित करने पर विचार कर रही हैं।

First Published - July 2, 2023 | 1:37 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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