facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

अमेरिका से अधिक तेल मिलेगा! PM की US यात्रा पर बन सकती है बात

वर्ष 2024-25 के पहले आठ महीनों में भारत के कच्चे तेल का पांचवां सबसे बड़ा स्रोत अमेरिका था।

Last Updated- February 10, 2025 | 10:34 PM IST
Narendra Modi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की आगामी बैठक में अमेरिका से अधिक कच्चा तेल मिलने पर बात बन सकती है।  प्रधानमंत्री सोमवार को दो दिवसीय यात्रा पर फ्रांस गए हैं।  पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी ने बताया कि प्रधानमंत्री इस सप्ताह के अंत में अमेरिका का दौरा करेंगे। 

हरदीप पुरी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, ‘यदि अमेरिका से अधिक कच्चे तेल (एनर्जी) की आपूर्ति नहीं होती है तो मुझे अचरज होगा।’ पुरी ने संकेत दिया कि अमेरिका द्वारा वैश्विक कीमतों को कम करने की मंशा को देखते हुए अमेरिका से ऊर्जा आयात में वृद्धि होने की संभावना है। पुरी ने जोर देकर कहा, ‘यह गतिशील स्थिति है। हम सभी स्रोतों से आयात करने के लिए तैयार हैं।’ उन्होंने भारत के संदर्भ में बताया कि भारत को तेल की आपूर्ति करने वाले देशों की सूची में बढ़कर 40 देश हो गए हैं जबकि पहले यह 27 थे। इसमें सबसे नया नाम अर्जेंटीना का है। 

वरिष्ठ अ​धिकारियों के अनुसार, पेट्रोलियम मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय को संकेत दिया है कि वह अमेरिका से अधिक तेल की आपूर्ति का इच्छुक है। बहरहाल ट्रंप के चुनाव जीतने को भारत की ऊर्जा सुरक्षा खासतौर पर कच्चे तेल के आयात के लिए निश्चित रूप से सकारात्मक माना जा रहा है। भारत कच्चे तेल की अपनी 85 फीसदी जरूरतों को आयात से पूरा करता है।  अप्रैल से अमेरिका से कच्चे तेल की आवक में वृद्धि हो सकती है, क्योंकि ट्रंप प्रशासन निर्यात संबंधी बाधाओं को हटा देगा तथा प्राकृतिक गैस कोटा को अधिकृत कर देगा। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में रूस के कच्चे तेल पर प्रतिबंध लगे हुए हैं और ऐसे में अमेरिका का कच्चा तेल भारत के लिए विकल्प बनेगा। 

तेजी से बढ़ती हिस्सेदारी 

वर्ष 2024-25 के पहले आठ महीनों में भारत के कच्चे तेल का पांचवां सबसे बड़ा स्रोत अमेरिका था। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार इस अवधि में अमेरिका ने भारत को 4.1 अरब डॉलर मूल्य का कच्चा तेल भेजा था। 

इस दौरान बाइडन प्रशासन के स्वच्छ ईंधन पर जोर की पहल के बावजूद अमेरिका लगातार दो वर्षों तक भारत के लिए पांचवां सबसे बड़ा स्रोत बना रहा है, हालांकि इस मामले में वित्त वर्ष 22 के बाद यह एक पायदान नीचे आया है। 

ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान भी अमेरिका से कच्चे तेल का आयात तेजी से बढ़ा था। आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका से कच्चे तेल के आयात की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 18 के 0.7 फीसदी से बढ़कर वित्त वर्ष 21 में 9 फीसदी हो गई थी। हाल के वर्षों में इसने भारत के आयात मिश्रण में अपनी महत्त्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज करा ली है।

अधिकारीगण भारत के लिए तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के महत्त्वपूर्ण स्रोत के रूप में भी अमेरिका पर नजर रख रहे हैं। ट्रंप ने एक आधिकारिक आदेश पर हस्ताक्षर कर दिया है जिसके बाद अमेरिकी सरकार ने नई एलएनजी परियोजनाओं के लिए निर्यात मंजूरी की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है। दरअसल, बीते साल जनवरी में जो बाइडन प्रशासन ने अमेरिका से मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) नहीं करने वाले देशों को एलएनजी निर्यात पर अमेरिका ऊर्जा विभाग की अनुमति तक अस्थायी रूप से रोक लगाने की घोषणा की थी। भारत का अमेरिका के साथ एफटीए नहीं है। वैश्विक स्तर पर अमेरिका एलएनजी का सबसे बड़ा निर्यातक है। अमेरिका से एलएनजी की खेप इस दशक के अंत तक दोगुनी होने की उम्मीद है। अमेरिका के ऊर्जा सूचना प्रशासन (आईईए) के आंकड़ों के मुताबिक कोविड महामारी के प्रकोप के बाद 2020 की शुरुआत से भारत को एलएनजी की खेप तेजी से बढ़ रही है। मासिक कारोबार गिरने के बाद मई 2021 में उच्च स्तर 28,25.9 करोड़ घन फुट पर पहुंच गया था। यह आईईए के मासिक आंकड़ा प्रकाशित बंद करने से पहले अक्टूबर 2023 में 13,69.8 करोड़ घन फुट पर पहुंच गया था। 

First Published - February 10, 2025 | 10:16 PM IST

संबंधित पोस्ट