facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

सूडान, यूक्रेन संकट के कारण करीब 11 करोड़ लोग विस्थापित हुए, विश्व में रिफ्यूजी क्राइसिस बढ़ा : UN

पिछले साल करीब 1.9 करोड़ लोग विस्थापित हुए, जिनमें से 1.1 करोड़ से अधिक लोगों ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के कारण अपना घर छोड़ा।

Last Updated- June 14, 2023 | 12:22 PM IST
United Nations

संयुक्त राष्ट्र में शरणार्थियों के मामलों से जुड़े उच्चायुक्त ने कहा कि संघर्ष, उत्पीड़न और मानवाधिकारों के उल्लंघन के कारण करीब 11 करोड़ लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है। वर्ष 2022 के लिए ‘यूनाइटेड नेशंस हाई कमिश्नर फॉर रिफ्यूजी’ (यूएनएचसीआर) की ‘ग्लोबल ट्रेंड्स रिपोर्ट’ को बुधवार को जारी करने से पहले जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के प्रमुख फिलिपो ग्रैंडी ने कहा, ‘‘यह हमारे विश्व की स्थिति पर एक कलंक है।’’

पिछले साल करीब 1.9 करोड़ लोग विस्थापित हुए, जिनमें से 1.1 करोड़ से अधिक लोगों ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के कारण अपना घर छोड़ा। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से पहली बार इतनी बड़ी संख्या में लोग जंग के कारण विस्थापित हुए।

ग्रैंडी ने कहा, ‘‘हम लगातार आपात स्थिति का सामना कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि पिछले साल 35 आपात स्थितियां सामने आईं, जो पिछले कुछ वर्षों की तुलना में तीन से चार गुना अधिक हैं।

ग्रैंडी ने कहा, ‘‘इनमें से कुछ ही मीडिया में सुर्खियां बंटोर पाईं।’’ ग्रैंडी ने तर्क दिया कि सूडान से पश्चिमी नागरिकों को निकाले जाने के बाद वहां हो रहे संघर्ष की खबर अधिकतर अखबारों से गायब रही। सूडान में संघर्ष के कारण अप्रैल के बाद से करीब 20 लाख विस्थापित हुए हैं।

वहीं, कांगो गणराज्य, इथोपिया और म्यांमा में संघर्ष के कारण करीब 10-10 लाख लोगों को घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है। ग्रैंडी ने हालांकि इस तथ्य को सकारात्मक बताया कि 2022 में पुनर्वासित शरणार्थियों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में दोगुनी होकर 1,14,000 पर पहुंच गई। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि यह संख्य ‘‘अब भी समुद्र में एक बूंद के बराबर है।’’

First Published - June 14, 2023 | 12:22 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट