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मोटे अनाज पर नेपाल-भारत कृषि बैठक आयोजित

Last Updated- December 16, 2022 | 4:18 PM IST
India- Moldova to work together in agriculture field

भारतीय दूतावास ने यहां दुनिया के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में ‘सुपरफूड’ के महत्व और क्षमता को उजागर करने के मकसद से अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष-2023 के उपलक्ष्य में भारत-नेपाल कृषि सम्मेलन सह-पूर्वावलोकन का आयोजन किया है। भारतीय दूतावास द्वारा जारी बयान के अनुसार, कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के सहयोग से गुरुवार को यहां आयोजित बैठक में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) सहित विभिन्न संस्थानों ने भागीदारी की।

भारत की इस पहल पर 72 देशों ने समर्थन जताया

कृषि और पशुधन विकास मंत्रालय के सचिव डॉ. गोविंद प्रसाद शर्मा के नेतृत्व में नेपाली पक्ष की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में 2021 में संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष 2023 मनाने का संकल्प लिया गया था। यह संकल्प भारत की एक पहल है और 72 अन्य देशों द्वारा इसे समर्थन है। शर्मा ने नेपाल में मोटे अनाज के महत्व के बारे में बात की और कृषि क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग के क्षेत्रों की भी पहचान की।

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भारत मोटे अनाज का दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारतीय दूतावास में उप-प्रमुख प्रसन्ना श्रीवास्तव ने दुनिया के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में मोटे अनाज के महत्व पर प्रकाश डाला। एपीडा के निदेशक डॉ. तरुण बजाज ने एपीडा द्वारा अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष (आईवाईएम) 2023 के लिए निर्यात प्रोत्साहन और क्षमता निर्माण के प्रयासों के बारे में विस्तार से बताया। भारत मोटे अनाज का दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक है। यह मोटे अनाज की नौ विभिन्न किस्मों का सालाना 1.7 करोड़ टन का उत्पादन करता है, जो वैश्विक उत्पादन का लगभग 20 फीसदी है। कृषि और पशुधन विकास मंत्रालय में संयुक्त सचिव डॉ. राम कृष्ण श्रेष्ठ ने ‘नेपाल सरकार के मोटे अनाज के संवर्धन प्रयासों और मोटे अनाज के अंतरराष्ट्रीय वर्ष 2023’ के बारे में एक प्रस्तुति दी।

First Published - December 16, 2022 | 4:18 PM IST

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