facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

लाल सागर में हिंसा से वैश्विक शिपिंग लागत में 15% की वृद्धि

भारत के निर्यात पर 30 अरब डॉलर का असर

Last Updated- January 12, 2024 | 11:33 PM IST
Red Sea Crisis

लाल सागर में स्थिति गंभीर होने के कारण दुनिया भर में कंटेनर के किराये और प्रमुख शिपिंग मार्गों से ढुलाई की दर में तेजी जारी है। पिछले एक सप्ताह में कंटेनर की वैश्विक दर में 15 प्रतिशत की और वृद्धि हो गई है। ड्रेवरीज वर्ल्ड कंटेनर इंडेक्स के मुताबिक वैश्विक कंटेनर दरें इस सप्ताह बढ़कर प्रति 40 फुट कंटेनर 3,072 डॉलर हो गई हैं।

अगर पिछले साल के समान सप्ताह से तुलना करें तो दर में 44 प्रतिशत की भारी वृद्धि हुई है। कीमत का मानकीकरण अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर कंटेनरों के आकार के मुताबिक किया गया है।

अक्टूबर 2022 के बाद यह सर्वाधिक कंटेनर दर है और यह कोविड के पहले के स्तर की तुलना में दोगुने से ज्यादा है। मार्केट इंटेलिजेंस फर्म ने कहा, ‘साल की शुरुआत से अब तक 40 फुट के कंटेनर का औसत कंपोजिट इंडेक्स 2,871 डॉलर रहा है। यह 10 साल की औसत दर 2,675 डॉलर की तुलना में 196 डॉलर ज्यादा है जो 2020-22 के दौरान अनपेक्षित रूप से बढ़ा हुआ था।’

चीन से यूरोप भेजी जाने वाली खेप 25 प्रतिशत महंगी हुई है और यह प्रति 40 फुट कंटेनर 5,213 डॉलर है। हालांकि चीन और अमेरिका के बीच माल ढुलाई की दर 8 प्रतिशत बढ़कर 4,170 डॉलर प्रति कंटेनर हुई है।

ड्रेवरी सहित उद्योग के ज्यादातर हिस्सेदारों तो उम्मीद है कि शिपिंग की लागत में आने वाले सप्ताहों में भी तेजी जारी रहेगी। यूरोप जाने वाले जहाजों को केप ऑफ गुड होप के रास्ते भेजा जा रहा है, जिससे लागत बढ़ रही है।

अक्टूबर में हमास के आतंकी हमले के बाद इजरायल में हिंसा बढ़ी है। उसके बाद अदन की खाड़ी से गुजरने वाली जहाजों पर हवाई और प्रोजेक्टाइल हमले शुरू हो गए और इजरायल के मालवाहक जहाजों को निशाना बनाया जाने लगा। इससे ढुलाई की लागत अब दोगुने से ज्यादा हो चुकी है।

किसी नियत वक्त में लाल सागर से होकर 400 से ज्यादा मालवाहक पोत गुजरते हैं। इस संकट से कम से कम 11 प्रतिशत वैश्विक व्यापार प्रभावित हुआ है। भारत से यूरोप जाने वाले और वहां से आने वाले मालवाहक जहाज भी प्रभावित हुए हैं, जो भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात केंद्र है। इस मार्ग का भाड़ा दोगुना हो गया है।

नई दिल्ली के थिंकटैंक रिसर्च ऐंड इन्फॉर्मेशन सिस्टम फॉर डेवलपिंग कंट्रीज के मुताबिक इस संकट से भारत के निर्यात पर करीब 30 अरब डॉलर तक का असर हो सकता है।

बाजार के अनुमानों के मुताबिक 40 प्रतिशत लंबे मार्ग के कारण परिचालन लागत पर भारी दबाव है। इसके जारी रहने की उम्मीद है क्योंकि लंबे रास्ते के कारण ढुलाई का वक्त एक से चार सप्ताह बढ़ सकता है। अतिरिक्त नियामकीय जरूरतों के कारण भी परिचालन में जटिलता है।

First Published - January 12, 2024 | 11:33 PM IST

संबंधित पोस्ट