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डीयू अकादमिक परिषद ने चार साल के एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम को लागू करने की मंजूरी दी

Last Updated- May 27, 2023 | 10:54 AM IST
Delhi University, DUSU Election Result

Delhi University (डीयू) की अकादमिक परिषद ने चार साल के एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम को लागू करने जैसे कुछ विवादास्पद प्रस्तावों सहित कई प्रस्तावों को मंजूरी दी है।

इस मामले से वाकिफ अधिकारियों ने बताया कि परिषद ने बीए राजनीति शास्त्र पाठ्यक्रम से मुहम्मद इकबाल पर एक अध्याय को हटाने सहित पाठ्यक्रम में कई परिवर्तनों को भी मंजूरी दी है।

बैठक शुक्रवार देर रात डेढ़ बजे तक चली।

परिषद ने प्राथमिक शिक्षा स्नातक (बी.एल.एड) कार्यक्रम की जगह चार साल के एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी) को लागू करने के एक प्रस्ताव को मंजूरी दी।

Delhi University अकादमिक परिषद (डीयूएसी) के छह सदस्यों ने प्रस्ताव के खिलाफ असहमति जताते हुए कहा कि इस संबंध में शिक्षकों से कोई परामर्श नहीं किया गया।

एसी की निर्वाचित सदस्य माया जॉन ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सदस्यों की असहमति के बावजूद आईटीईपी को पारित किया गया। हम हितधारकों के हितों की रक्षा के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।ष्ष्

माया जॉन उन सदस्यों के समूह का हिस्सा थीं, जिन्होंने प्रस्ताव को लेकर असहमति जताई थी।

बी.एल.एड. की जगह आईटीईपी को लागू किया जाएगा। बी.एल.एड. कार्यक्रम को 1994 में शुरू किया गया था। दिल्ली विश्वविद्यालय एकमात्र विश्वविद्यालय था जिसका अपना एकीकृत चार वर्षीय कार्यक्रम है।

अपने असहमति पत्र में सदस्यों ने तर्क दिया कि आईटीईपी पर एनसीटीई की अधिसूचना को सीधे अकादमिक परिषद में लाकर पाठ्यक्रम समिति और शिक्षा संकाय को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया है।

बैठक में जो एक और विवादास्पद प्रस्ताव पारित किया गया, वह स्नातक कार्यक्रमों को लेकर छात्रों के व्याख्यान और ट्यूटोरियल के लिए कक्षा में छात्रों की संख्या क्रमशः 60 और 30 करने से संबंधित था।

एसी सदस्यों के एक वर्ग ने इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि व्याख्यान, ट्यूटोरियल और प्रैक्टिकल की कक्षाओं में छात्रों की संख्या बढ़ाने से अध्ययन-अध्यापन की प्रक्रिया पर नकारात्मक असर पड़ेगा।

विभिन्न पाठ्यक्रमों के कई सेमेस्टर के पाठ्यक्रम परिषद में प्रस्तुत किए गए और अनुमोदित किए गए।

वैधानिक निकाय के सदस्यों ने पुष्टि की कि परिषद ने राजनीति शास्त्र पाठ्यक्रम से पाकिस्तान के राष्ट्रीय कवि मुहम्मद इकबाल पर एक अध्याय को हटाने संबंधी प्रस्ताव भी पारित किया।

अविभाजित भारत के सियालकोट में 1877 में जन्मे इकबाल ने प्रसिद्ध गीत ‘‘सारे जहां से अच्छा’’ लिखा था।

अधिकारियों ने कहा कि ‘आधुनिक भारत राजनीतिक विचार’ शीर्षक से अध्याय बीए के छठे सेमेस्टर के पत्र का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि यह मामला अब विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा जो अंतिम फैसला लेगी।

परिषद ने विभाजन संबंधी अध्ययन और आदिवासी अध्ययन से संबंधित विषय पर दो नए केंद्र स्थापित करने पर प्रस्ताव पारित किया है।

एसी के कुछ सदस्यों ने इन दो प्रस्तावों के खिलाफ भी असहमति जतायी।

First Published - May 27, 2023 | 10:47 AM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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