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8th pay commission Update: 8वें वेतन आयोग से कितनी बढ़ेगी कर्मचारियों की सैलरी? जानें अब तक के वेतन आयोग का इतिहास

8वें वेतन आयोग की सिफारिशों का फायदा करीब 45 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 68 लाख पेंशनभोगियों को मिलेगा, जिनमें रक्षा कर्मी भी शामिल हैं।

Last Updated- March 07, 2025 | 8:35 AM IST
8th pay commission
Representative image

8th Pay Commission Update: केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग को लेकर बड़ा ऐलान किया है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होंगी। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि आयोग का गठन उसी दिन होगा।

सरकार की घोषणा के मुताबिक, आयोग का गठन पहले ही किया जाएगा, जो वेतन ढांचे की समीक्षा करेगा और अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा। रिपोर्ट को सरकार की मंजूरी मिलने के बाद, 1 जनवरी 2026 से वेतन में संशोधन लागू होगा।

इन कर्मचारियों को होगा फायदा

8वें वेतन आयोग की सिफारिशों का फायदा करीब 45 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 68 लाख पेंशनभोगियों को मिलेगा, जिनमें रक्षा कर्मी भी शामिल हैं।

सरकार के इस फैसले से लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को वेतन और पेंशन में बढ़ोतरी की उम्मीद जगी है। अब सभी की नजरें इस पर टिकी हैं कि आयोग कब गठित होगा और इसमें क्या सिफारिशें की जाएंगी।

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भारत में अब तक के वेतन आयोगों का इतिहास: जानिए कैसे बदला सरकारी कर्मचारियों का वेतन

भारत में सरकारी कर्मचारियों के वेतन में समय-समय पर बदलाव करने के लिए अलग-अलग वेतन आयोग गठित किए गए हैं। अब तक सात वेतन आयोग आ चुके हैं, जिन्होंने कर्मचारियों के वेतन को महंगाई और आर्थिक स्थितियों के अनुसार संशोधित किया है। आइए जानते हैं अब तक के वेतन आयोगों की प्रमुख सिफारिशें—

पहला वेतन आयोग (1946)
अध्यक्ष: श्री श्रीनिवास वरदाचार्य

पहले वेतन आयोग ने सरकारी कर्मचारियों के वेतन में संशोधन किया और न्यूनतम वेतन ₹55 प्रति माह तथा अधिकतम वेतन ₹2,000 प्रति माह तय किया।

दूसरा वेतन आयोग (1957)
अध्यक्ष: जस्टिस श्री जगन्नाथ दास

इस आयोग की सिफारिशों के बाद सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन ₹80 और अधिकतम ₹3,000 कर दिया गया।

तीसरा वेतन आयोग (1970)
अध्यक्ष: रघुबीर दयाल

तीसरे वेतन आयोग ने न्यूनतम वेतन ₹185 प्रति माह और अधिकतम वेतन ₹3,500 प्रति माह निर्धारित किया।

चौथा वेतन आयोग (1986)
अध्यक्ष: पी. एन. सिंघल

इस आयोग ने सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन ₹750 प्रति माह और अधिकतम वेतन ₹8,000 प्रति माह कर दिया।

पांचवां वेतन आयोग (1997)
अध्यक्ष: जस्टिस एस रथिनवेल पांडियन

इस आयोग ने न्यूनतम वेतन ₹2,550 कर दिया, जबकि अधिकतम वेतन में भी संशोधन किया गया।

छठा वेतन आयोग (2006)
अध्यक्ष: बी.एन. श्रीकृष्ण

छठे वेतन आयोग ने वेतन बैंड और वेतन ग्रेड की प्रणाली शुरू की। इसके तहत न्यूनतम वेतन ₹7,000 और अधिकतम वेतन ₹80,000 किया गया।

सातवां वेतन आयोग (2016)
अध्यक्ष: ए.के. माथुर

सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार, न्यूनतम वेतन ₹18,000 प्रति माह और अधिकतम वेतन ₹2,50,000 प्रति माह कर दिया गया।

हर वेतन आयोग ने समय के साथ सरकारी कर्मचारियों के वेतन को आर्थिक परिस्थितियों और महंगाई के अनुरूप बदला है। अब आठवें वेतन आयोग की संभावनाओं पर भी चर्चा हो रही है।

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केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन में बड़ा बदलाव संभव, जानिए नई सैलरी का पूरा कैलकुलेशन

केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन में जल्द बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि फिटमेंट फैक्टर 2.28 लागू किया जाता है, तो 40,000 रुपये बेसिक पे वाले कर्मचारी का नया बेसिक पे बढ़कर 91,200 रुपये हो सकता है।

अगर नए बेसिक पे पर 70% महंगाई भत्ता (DA) जोड़ा जाए, तो यह 63,840 रुपये होगा। वहीं, 24% हाउस रेंट अलाउंस (HRA) जोड़ने पर यह 21,888 रुपये होगा। इस तरह, बेसिक पे, DA और HRA को मिलाकर कुल वेतन (ग्रॉस सैलरी) लगभग 1,76,000 रुपये तक पहुंच सकता है।

इस बदलाव को सेंट्रल सिविल सर्विसेज (रिवाइज्ड पे) रूल्स, 2025 के तहत लागू किया जा सकता है। इससे न सिर्फ वेतन में बढ़ोतरी होगी, बल्कि पेंशन, भविष्य निधि (EPF), ग्रेच्युटी और अन्य रिटायरमेंट लाभों में भी इजाफा हो सकता है।

Rohitaashv Sinha, partner, King Stubb & Kasiva, Advocates and Attorneys ने कहा कि यह संशोधन सरकारी कर्मचारियों के वेतन ढांचे को नए सिरे से तय कर सकता है।

First Published - March 5, 2025 | 11:23 AM IST

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