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Gold Prices: सोना खस्ताहाल, इस हफ्ते येलो मेटल पर पड़ी साढ़े 3 साल की सबसे बड़ी मार; आगे की राह भी मुश्किल!

सोने के लिए यह हफ्ता प्रदर्शन के लिहाज से जून 2021 के बाद का सबसे खराब हफ्ता रहा है।

Last Updated- November 19, 2024 | 9:47 PM IST
Gold price

Gold Prices: सोने की कीमतों में आज शुक्रवार को लगातार छठे दिन गिरावट देखी जा रही है। सोने के लिए यह हफ्ता प्रदर्शन के लिहाज से जून 2021 के बाद का सबसे खराब हफ्ता रहा है। इस हफ्ते येलो मेटल (yellow metal) अभी तक 4 फीसदी से ज्यादा टूटा है। सीधे कहें तो इस हफ्ते गोल्ड ने पिछले साढ़े तीन साल में सबसे खराब प्रदर्शन किया है। फिलहाल ग्लोबल मार्केट में गोल्ड 2 महीने के अपने निचले स्तर पर है।

घरेलू हाजिर (स्पॉट) बाजार आज गुरु नानक जयंती को लेकर बंद है। फ्यूचर मार्केट यानी एमसीक्स (MCX) पर भी ट्रेड आज सिर्फ शाम के सत्र यानी 5 बजे के बाद होगा। घरेलू बाजार में इस महीने यानी नवंबर में सोना अभी तक 6,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से ज्यादा टूटा है।  सोने की बेंचमार्क कीमतें एमसीएक्स (MCX) पर गुरुवार यानी 14 नवंबर को 73,300  रुपये प्रति 10 ग्राम तक नीचे चली गई। इससे पहले 30 अक्टूबर को सोने की बेंचमार्क कीमतें 79,775 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऑल-टाइम हाई लेवल पर पहुंच गई थी।

ग्लोबल मार्केट में सोने (gold) की कीमतों में जारी नरमी  के मद्देनजर घरेलू कीमतों पर लगातार दबाव देखने को मिल रहा है। 

यूएस फेड (US Federal Reserve) के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के कल के बयान के बाद अमेरिकी डॉलर इंडेक्स (US Dolalr Index) गुरुवार  को 2 साल के अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। क्योंकि उनके इस बयान के बाद अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती को लेकर मार्केट का विश्वास कमजोर हुआ है। जेरोम पॉवेल ने कल  के अपने बयान में कहा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में स्थिरता, जॉब मार्केट में मजबूती  और नियंत्रित महंगाई दर को देखते हुए ब्याज दरों में कटौती लेकर अभी कोई जल्दीबाजी नहीं है।

ग्लोबल मार्केट

ग्लोबल मार्केट में गुरुवार यानी 14 अक्टूबर को स्पॉट गोल्ड (spot gold) 29 सितंबर के निचले स्तर 2,550.53 डॉलर प्रति औंस पर देखा गया। फिलहाल ग्लोबल मार्केट में स्पॉट गोल्ड 2,570 डॉलर प्रति औंस के लेवल के करीब है। इसी तरह बेंचमार्क यूएस दिसंबर गोल्ड फ्यूचर्स (Gold COMEX DEC′24) भी गुरुवार को कारोबार के दौरान 2,555.10 डॉलर प्रति औंस तक नीचे चला गया। फिलहाल यह 2,571 डॉलर प्रति औंस के करीब कारोबार कर रहा है। इससे पहले 31 अक्टूबर को स्पॉट गोल्ड और यूएस गोल्ड फ्यूचर क्रमश: 2,790.15 और 2,801.80 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गए थे। इस तरह गोल्ड अपने रिकॉर्ड हाई से 240 डॉलर कमजोर हुआ है। 

घरेलू फ्यूचर मार्केट

घरेलू फ्यूचर मार्केट एमसीएक्स (MCX) पर सोने का बेंचमार्क दिसंबर कॉन्ट्रैक्ट गुरुवार यानी 13 नवंबर को इंट्राडे ट्रेडिंग के दौरान 73,300 रुपये प्रति 10 ग्राम के निचले स्तर तक चला गया जबकि 30 अक्टूबर को यह 79,775 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऑल-टाइम हाई लेवल पर पहुंच गया था। इस तरह से देखें तो सोना अपने रिकॉर्ड हाई से 6,475 रुपये यानी 8  फीसदी से ज्यादा टूट चुका है।

25 जुलाई के निचले स्तर से कीमतें हालांकि अभी भी 5,900 रुपये प्रति 10 ग्राम मजबूत है। इससे पहले केंद्रीय बजट (23 जुलाई) 2024 में इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती किए जाने के बाद सोने की कीमतों में 7 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम तक की गिरावट देखने को मिली थी। बजट के बाद 25 जुलाई को एमसीएक्स (MCX) पर कीमतें गिरकर 67,400 रुपये के निचले स्तर तक चली गई थी। जबकि इसके ठीक एक हफ्ते पहले यानी 17 जुलाई को 74,731 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऊपरी स्तर पर पहुंच गई थी। 23 जुलाई को पेश किए गए आम बजट में सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी को 15 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी कर दिया गया।

घरेलू स्पॉट मार्केट

सोने की हाजिर कीमतों में भी ऐसा ही डाउनट्रेंड (downtrend) देखने को मिल रहा है। Indian Bullion and Jewellers Association (IBJA) के मुताबिक सोना 24 कैरेट (999) गुरुवार को कारोबार की समाप्ति पर पिछले दिन की क्लोजिंग के मुकाबले 1,521 रुपये गिरकर 73,739 रुपये प्रति 10 ग्राम के लेवल पर देखा गया। बुधवार को कारोबार की समाप्ति पर सोना 24 कैरेट 75,260 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज किया गया था। इससे पहले 30 अक्टूबर को यह 79,681 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऑल-टाइम हाई लेवल तक पहुंच गया था। इस तरह से देखें तो इस महीने अभी तक कीमतों में 5,942 रुपये यानी 7 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

26 जुलाई के निचले स्तर से हालांकि कीमतें अभी भी 5,670 रुपये प्रति 10 ग्राम मजबूत है। IBJA के अनुसार घरेलू हाजिर बाजार में सोना 24 कैरेट (999) 18 जुलाई 2024 को शुरुआती कारोबार में 74,065 रुपये प्रति 10 ग्राम की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद 26 जुलाई को शुरुआती कारोबार में 68,069 रुपये प्रति 10 ग्राम के निचले स्तर तक चला गया था।

क्यो गिर रहे भाव

अमेरिकी डॉलर (US Dollar) और बॉन्ड यील्ड (US Bond Yield) में मजबूती ने ग्लोबल मार्केट में सोने की कीमतों पर लगातार दबाव बनाकर रखा है। अमेरिकी डॉलर इंडेक्स फिलहाल 2 साल के अपने उच्चतम स्तर पर है जबकि यूएस बॉन्ड यील्ड जुलाई के हाई पर है। पिछले 5 दिनों में यूएस डॉलर इंडेक्स और 10 वर्षीय यूएस बॉन्ड यील्ड में क्रमश: 1.42 फीसदी और 14 बेसिस प्वाइंट की मजबूती आई है। वहीं यदि पिछले 1 महीने में देखें तो यूएस डॉलर इंडेक्स तकरीबन 2.90 फीसदी चढ़ा है। 10 वर्षीय यूएस बॉन्ड यील्ड में भी इस दौरान 37 बेसिस प्वाइंट से ज्यादा की तेजी आई है।

इसके अलावा अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम को लेकर बनी अनिश्चितता के खत्म होने के बाद निवेश के सुरक्षित विकल्प (safe-haven) के तौर पर इस कीमती धातु की मांग भी घटी है।

जानकारों की मानें तो शॉर्ट-टर्म में गोल्ड की कीमतों में और कमजोरी देखी जा सकती है क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की जीत के बाद इस बात की संभावना बढ़ गई है कि शायद अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) आने वाले समय में ब्याज दरों में कटौती को लेकर अत्यधिक सतर्कता बरते और ब्याज दरों में उतनी कटौती न करे जितने का अनुमान ट्रंप की जीत से पहले जताया जा रहा था।

लॉन्ग टर्म रुझान अभी भी मजबूत

निवेश के सुरक्षित विकल्प के तौर पर गोल्ड की मांग फिलहाल जरूर कमजोर हुई है लेकिन मिडिल ईस्ट में लगातार बढ़ रहे जियो-पॉलिटिकल टेंशन के मद्देनजर निवेश के सुरक्षित विकल्प के तौर पर इस कीमती धातु की मांग आगे मजबूत बनी रह सकती है।

इसके अलावा मार्केट में अभी भी इस बात की संभावना प्रबल है कि अमेरिका का केंद्रीय बैंक दिसंबर की अपनी बैठक में एक बार फिर ब्याज दरों में कम से कम 25 बेसिस प्वाइंट यानी 0.25 फीसदी की कटौती सकता है। यदि अमेरिका में ब्याज दरों में आगे कमी आती है तो सोने को और सपोर्ट मिलना लाजमी है। सोने पर कोई इंटरेस्ट/ यील्ड नहीं मिलता इसलिए ब्याज दरों के नीचे जाने से निवेश के तौर पर इस एसेट क्लास की पूछ-परख बढ़ जाती है।

जानकार मानते हैं कि अमेरिका सहित अन्य बड़े केंद्रीय बैंक यदि आगे भी ब्याज दरों में कटौती जारी रखते हैं तो पश्चिमी देशों में निवेशकों का रुझान गोल्ड की तरफ और भी तेजी से बढ़ सकता है और गोल्ड में आगे और भी टिकाऊ तेजी बन सकती है। आंकड़े भी इस बात की तस्दीक करते हैं कि पिछले 4 महीने से पश्चिमी देशों में रिटेल निवेशकों की दिलचस्पी गोल्ड को लेकर स्पष्ट रूप से बढ़ी है।

इन्वेस्टमेंट खासकर ईटीएफ की ओर से रही डिमांड और केंद्रीय बैकों की खरीदारी भी मीडियम टू लॉन्ग टर्म में गोल्ड के लिए पॉजिटिव है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) के आंकड़ों के मुताबिक ग्लोबल लेवल पर गोल्ड ईटीएफ में निवेश अक्टूबर के दौरान लगातार छठे महीने बढ़ा।

First Published - November 15, 2024 | 4:10 PM IST

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