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Sovereign Gold Bond 2017-18 Series VI: मैच्योरिटी से पहले बेचने का मौका! RBI ने किया रिडेम्प्शन प्राइस का ऐलान, बॉन्ड धारकों को मिलेगा 226% से अधिक रिटर्न

देश के 13वें सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को मैच्योरिटी से पहले छठी यानी आखिरी बार बेचने का मौका बॉन्ड धारकों को मंगलवार (6 मई 2025) को मिल रहा है।

Last Updated- May 05, 2025 | 6:34 PM IST

Sovereign Gold Bond 2017-18 Series VI premature redemption: देश के 13वें (SGB 2017-18 Series VI) सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) को मैच्योरिटी से पहले छठी यानी आखिरी बार बेचने का मौका बॉन्ड धारकों को मंगलवार (6 मई 2025) को 9,453 रुपये के रिडेम्प्शन प्राइस पर मिलेगा। यह बॉन्ड इसी साल 6 नवंबर को मैच्योर होगा। वैसे बॉन्ड धारक ही इस बॉन्ड को मैच्योरिटी से पहले 6 मई को भुना सकते हैं जिन्होंने इसके लिए अप्लाई किया है। प्रीमैच्योर रिडेम्पशन को लेकर इच्छुक बॉन्ड धारकों के लिए अप्लाई करने की तारीख 5 अप्रैल से लेकर 28 अप्रैल तक थी।

क्या  है प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस?

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के लिए इश्यू और रिडेम्प्शन प्राइस आईबीजेए (IBJA) से 24 कैरेट गोल्ड (999) के लिए मिले रेट के आधार पर तय होते हैं। नियमों के अनुसार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के लिए प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन की तारीख से ठीक पहले के 3 कारोबारी दिन के लिए आईबीजेए से प्राप्त 24 कैरेट गोल्ड (999) के क्लोजिंग प्राइस का एवरेज होता है। 1 मई, 3 मई और 4 मई को अवकाश होने की वजह से आरबीआई (RBI) ने इस सीरीज का प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस 30 अप्रैल, 2 मई और 5 मई के क्लोजिंग प्राइस के आधार पर तय किया है। 30 अप्रैल, 2 मई और 5 मई के क्लोजिंग प्राइस का एवरेज 9,453 रुपये है, इसलिए 13वें सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस 9,453 रुपये प्रति यूनिट तय हुआ है।

तारीख क्लोजिंग प्राइस (gold 999)
30 अप्रैल 9,436 रुपये प्रति यूनिट
1 मई महाराष्ट्र दिवस/ लेबर डे
2 मई 9,395 रुपये प्रति यूनिट
मई शनिवार 
मई रविवार 
5  मई 9,528 रुपये प्रति यूनिट
एवरेज क्लोजिंग प्राइसप्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस   9,453 रुपये प्रति यूनिट

Source: IBJA

अब जानते हैं कि आखिर वैसे बॉन्ड धारक जो इस बॉन्ड को मैच्योरिटी से पहले 6 मई को भुनाएंगे उन्हें कितनी कमाई होगी।

बिना टैक्स चुकाए कमाई

यह सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (IN0020170083) 2,945 रुपये के इश्यू प्राइस पर 6 नवंबर 2017 को जारी हुआ था, जबकि प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस 9,453 रुपये प्रति यूनिट है। इस हिसाब से इस सीरीज को मैच्योरिटी से पहले रिडीम करने पर बॉन्ड धारकों को 220.98 फीसदी का ग्रॉस रिटर्न और 21.45 फीसदी का एनुअल रिटर्न  मिलेगा। ऑनलाइन बॉन्ड धारक तो और ज्यादा फायदे में रहेंगे क्योंकि उन्हें इस बॉन्ड की खरीदारी पर इश्यू प्राइस के मुकाबले 50 रुपये प्रति यूनिट का डिस्काउंट भी मिला होगा। ऐसे बॉन्ड धारकों को इस बॉन्ड के प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन पर 226.53 फीसदी का ग्रॉस रिटर्न और 21.80 फीसदी का एनुअल रिटर्न  मिलेगा।

टैक्स चुकाने के बाद कमाई

प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन के मामले में बॉन्ड धारक बॉन्ड इश्यू होने के 12 महीने बाद बेच रहे हैं इसलिए उन्हें कैपिटल गेन पर 12.5 फीसदी लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स चुकाना पड़ेगा।

अब इस बॉन्ड को मैच्योरिटी से पहले रिडीम करने के मामले में लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स, ग्रॉस रिटर्न और एनुअल रिटर्न की गणना करते हैं:

परचेज प्राइस/ इश्यू प्राइस: 2,945 रुपये

रिडेम्प्शन प्राइस : 9,453 रुपये

टैक्सेबल कैपिटल गेन: 9,453 – 2,945 = 6,508 रुपये

लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स (12.5%): 813.5 रुपये

टैक्स चुकाने के बाद कमाई: 6,508 – 813.5 = 5,694.5 रुपये

रिडेम्प्शन प्राइस (LTCG टैक्स घटाने के बाद): 9,453 – 813.5 = 8,639.5 रुपये

ऑफलाइन बॉन्ड धारक 

ग्रॉस रिटर्न (%): 193.36%

एनुअल रिटर्न (CAGR): 19.65%

ऑनलाइन बॉन्ड धारक 

ग्रॉस रिटर्न (%): 226.53%

एनुअल रिटर्न (CAGR): 19.99%

इंटरेस्ट जोड़कर कमाई

निवेशकों को इस सीरीज के लिए प्रति वर्ष 2.5 फीसदी यानी 36.82 रुपये प्रति छह महीने जबकि 7.5 साल की होल्डिंग पीरियड के दौरान 552 रुपये इंटरेस्ट/कूपन मिला। इस तरह से देखें तो इंटरेस्ट को जोड़ने के बाद इस बॉन्ड से 20.89 फीसदी का एनुअल रिटर्न (CAGR) मिलेगा। ऑनलाइन बॉन्ड धारकों को तो 21.23 फीसदी का एनुअल रिटर्न मिलेगा। सितंबर 2016 के बाद जारी होने वाले सीरीज के लिए इंटरेस्ट को सालाना 2.75 फीसदी से घटाकर 2.5 फीसदी कर दिया गया है।

SGB की इस सीरीज पर इंटरेस्ट जोड़कर सालाना कमाई (CAGR) की गणना:

परचेज प्राइस/ इश्यू प्राइस: 2,945 रुपये

रिडेम्प्शन प्राइस : 9,453 रुपये

टैक्सेबल कैपिटल गेन: 9,453 – 2,945 = 6,508 रुपये

लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स (12.5%): 813.5 रुपये

टैक्स चुकाने के बाद कमाई: 6,508 – 813.5 = 5,694.5 रुपये

रिडेम्प्शन प्राइस (LTCG टैक्स घटाने के बाद): 9,453 – 813.5 = 8,639.5 रुपये

इंटरेस्ट: 552  रुपये

ऑफलाइन बॉन्ड धारक 

ग्रॉस रिटर्न (%): 212.10%

एनुअल रिटर्न (CAGR): 20.89%

ऑनलाइन बॉन्ड धारक 

ग्रॉस रिटर्न: 217.49%

एनुअल रिटर्न (CAGR): 21.23%

अब जानते हैं कि प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन को लेकर नियम क्या हैं?

कब कर सकते हैं प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन ?

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को मैच्योरिटी से पहले रिडीम करने का विकल्प भी निवेशकों के पास होता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को आप उसके इश्यू होने के 5 साल बाद मैच्योरिटी से पहले रिडीम कर सकते हैं। आरबीआई प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन की तारीख उस दिन तय करती है जिस दिन इस बॉन्ड पर इंटरेस्ट देय होता है। इस बॉन्ड पर इंटरेस्ट प्रत्येक छह महीने यानी साल में दो दफे मिलता है।

कैसे होती है प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस की गणना? 

मैच्योरिटी से पहले रिडेम्प्शन प्राइस प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन की तारीख से ठीक पहले के 3 कारोबारी दिन के लिए आईबीजेए (IBJA) की तरफ से प्राप्त 24 कैरेट गोल्ड (999) के क्लोजिंग प्राइस का एवरेज होता है।

टैक्स को लेकर क्या हैं नियम ?

अगर आपने मैच्योरिटी पीरियड से पहले रिडीम किया तो टैक्स लिस्टेड फाइनेंशियल एसेट्स की तरह लगेगा। मतलब सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीदने के बाद 12 महीने से पहले बेच देते हैं तो होने वाली कमाई यानी कैपिटल गेन को शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (STCG) माना जाएगा। जो आपके ग्रॉस टोटल इनकम में जोड़ दिया जाएगा और आपको अपने टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा। लेकिन अगर आप 12 महीने बाद बेचते हैं तो 12.5 फीसदी लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स चुकाना होगा। लेकिन यदि आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को उसकी मैच्योरिटी यानी 8 साल तक होल्ड करते हैं तो रिडेम्प्शन के समय आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा।

 

 

First Published - May 5, 2025 | 6:34 PM IST

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