facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

Editorial: उड़ान का सही मार्ग, 1 जून से प्रभावी होंगे नए नियम

अब साप्ताहिक अवकाश की अवधि को भी 36 घंटे से बढ़ाकर 48 घंटे कर दिया गया है और रात की परिभाषा को एक घंटे बढ़ाकर मध्य रात्रि से सुबह छह बजे तक कर दिया गया है।

Last Updated- January 09, 2024 | 9:47 PM IST
Aviation

नागरिक उड्‌डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने थोड़े विलंब से ही सही लेकिन एक अहम सुधार करते हुए सभी विमानन कंपनियों के लिए उड़ान सेवा समय सीमा यानी फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) में नए नियमन जरूरी किए हैं। ये नियम एक जून से प्रभावी होंगे।

नए मानकों में आराम की लंबी अवधि, कम अवधि की रात्रिकालीन सेवा और लैंडिंग के नियम शामिल हैं और यह जरूरी किया गया है कि विमानन कंपनियां तिमाही आधार पर थकान संबंधी रिपोर्ट पेश करें। नए मानक वैश्विक मानकों के अधिक करीब हैं। यह लंबे समय से होना लंबित था क्योंकि भारत दुनिया के सबसे तेज विकसित होते विमानन बाजारों में शामिल है और देश के प्रमुख हवाई अड्‌डों में भीड़ खतरनाक रूप से बढ़ रही है। तेजी से बढ़ते प्रतिस्पर्धी और पूंजी के गहन इस्तेमाल तथा कम मार्जिन वाले इस क्षेत्र में विमान चालकों की थकान आम है। एफडीटीएल नियमन के मामले में भारत दुनिया के सबसे खराब प्रदर्शन वाले देशों में शामिल है।

अब साप्ताहिक अवकाश की अवधि को भी 36 घंटे से बढ़ाकर 48 घंटे कर दिया गया है और रात की परिभाषा को एक घंटे बढ़ाकर मध्य रात्रि से सुबह छह बजे तक कर दिया गया है। उड़ान की अधिकतम अवधि तथा उड़ान परिचालन के लिए अधिकतम समय को क्रमश: आठ घंटे और 10 घंटे तक सीमित किया गया है।

उड़ान अवधि से तात्पर्य है एक उड़ान में लगने वाला समय जबकि उड़ान सेवा से तात्पर्य है वह समय जो एक के बाद एक उड़ानों के संचालन में लगता है। रात में जहां पहले छह लैंडिंग की इजाजत थी वहीं अब इन्हें घटाकर दो कर दिया गया है। विमानन क्षेत्र की निगरानी करने वाली संस्था ने अगस्त में उस समय एफडीटीएल प्रक्रिया शुरू की थी जब एक विमान चालक की उस समय हृदय गति रुकने से मौत हो गई थी जब वह उड़ान भरने ही वाला था।

Also read: जमीनी हकीकत: ATM- खेती और आय से जुड़ा अनूठा प्रयोग

उसके निधन के बाद विमान चालकों का गुस्सा उबल पड़ा था। उनका दावा था कि विमानन कंपनियां थकान को लेकर उनकी शिकायतों की अनदेखी करती हैं। एयर इंडिया (पूर्व में सरकारी कंपनी) के अलावा किसी विमानन कंपनी में विमान चालकों का संगठन नहीं है जो इन मुद्दों पर प्रबंधन के साथ बातचीत करे।

नए एफडीटीएल नियम उन नियमों की जगह लेंगे जो 2019 में लागू किए गए थे और जिनके तहत 2011 में लागू नियमों को शिथिल किया गया था। उदाहरण के लिए 2019 में डीजीसीए ने विमान चालकों को इजाजत दे दी थी कि वे एक सप्ताह में लगातार दो रातों तक यात्री उड़ान संचालित कर सकते हैं।

उड़ान के बाद उनके आराम की अवधि भी 54 घंटों से घटाकर 24 घंटे कर दी गई थी। एयर इंडिया के विमान चालक संगठनों में से एक ने 2019 के नियमों को अदालत में चुनौती दी थी जिसकी सुनवाई अभी चल रही है।

इसके अलावा 2019 के नियमों के तहत विमानन कंपनियों को ‘अप्रत्याशित परिस्थितियों’ में विमान चालकों की उड़ान अवधि को 4.5 घंटे तक और उड़ान सेवा अवधि को अधिकतम नौ घंटे तक बढ़ाने की इजाजत दी गई थी। ऐसा 28 दिनों तक किया जा सकता था। 2011 के नियमों के तहत उड़ान समय के लिए तीन घंटे और उड़ान सेवा के लिए छह घंटे की अवधि निर्धारित थी जो 30 दिनों के लिए थी।

Also read: Opinion: गंगा के मैदान होंगे नए भारत की पहचान

नए नियम कुछ हद तक विमान चालकों की थकान की दिक्कत को कम करेंगे। परंतु काफी कुछ इस बात पर निर्भर होगा कि विमानन कंपनियों के प्रबंधन का रुख क्या रहता है। नए मानकों के तहत उन्हें अधिक विमान चालकों की भर्ती करनी होगी। विमान चालकों की कमी को देखते हुए यह कवायद ऐसे समय में लागत में इजाफा करेगी जब बड़ी विमानन कंपनियों को विमानों के ऑर्डर के लिए भारी धनराशि चुकानी है।

थकान संबंधी रिपोर्ट की बात करें तो एक महीने में चार या पांच रिपोर्ट देने वाले विमान चालकों को चिकित्सा अवकाश पर भेज दिया जाता है। जाहिर है अधिकांश विमान चालक ऐसा करने से बचना चाहते हैं क्योंकि उन्हें उड़ान भत्ता गंवाना पड़ सकता है जो उनकी आय का बड़ा हिस्सा होता है। डीजीसीए का अगला कदम विमान चालकों की थकान के मामले में सटीक जानकारी मुहैया कराने की मजबूत प्रक्रिया तय करना हो सकता है।

First Published - January 9, 2024 | 9:47 PM IST

संबंधित पोस्ट