facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

कर्मियों के कौशल और लचीलेपन पर ध्यान दें भारतीय कंपनियां

Last Updated- April 03, 2023 | 11:07 PM IST
GE lays off

सोमवार को एक सर्वे में कहा गया कि भारतीय कंपनियों को अगर आगे बढ़ना है तो उनके मानव संसाधन विभाग को कर्मचारियों के कौशल, उनकी थकान और लचीलेपन पर ध्यान देने की जरूरत है।

60 फीसदी संगठन कौशल और प्रतिभा विकास की जरूरतों को समझते हैं, लेकिन उनमें से 50 फीसदी इस बात को लेकर स्पष्ट हैं कि आगे क्या होना है।

मर्सर के ग्लोबल टैलेंट ट्रेंड्स 2023 के एचआर लीडर पल्स सर्वे के अनुसार मानव संसाधन को कंपनियों की क्षमता सुधारने के लिए कल के लिए आवश्यक कौशल की जानकारी रखना होगा और आज की प्रतिभा को प्रशिक्षित करना होगा। भारतीय कंपनियों को कर्मचारियों के लचीलेपन पर ध्यान देने की जरूरत है। इसका कारण है कि कर्मचारी कहीं से भी काम करने को बहुत महत्व देते हैं। कई लोग अपनी इच्छा से उसके लिए वेतन वृद्धि तक को छोड़ना चाहते हैं।

वैश्विक महामारी के बाद से लचीला कार्यबल मानने की एक प्रवृत्ति देखी जा रही है और 62 फीसदी संगठनों ने इशारा किया है कि वे इसका समर्थन करते हैं।

मर्सर करियर इंडिया में पार्टनर शांति नरेश कहती हैं, ‘आशावादी और महत्त्वाकांक्षी भारत के रूप में 2023 एक बड़ा साल होगा। यह वैश्विक वातावरण के बीच परिवर्तन लाने के लिए दिखता है।’ कंपनियों के एचआर को खुद को तैयार करना होगा और कंपनी के आगे के कारोबार का भी नेतृत्व करना होगा।

महंगाई, मंदी और तंग श्रम बाजार के बीच भारत की 45 फीसदी कंपनियां अपने कर्मियों की भलाई के लिए काम की रूपरेखा को फिर से तैयार कर रही हैं। वे कर्मचारियों के काम के दबाव को कम कर रही है, नो-मीटिंग डे और काम का बढ़िया माहौल दे रही हैं।

सर्वे के अनुसार, 93 फीसदी कंपनियों ने कहा कि उनके पास 2023 में कर्मचारियों के हित के लिए नीतियां हैं। अधिकांश कंपनियों ने कहा कि वे कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए सहायता प्रदान करती हैं और उनमें से 21 फीसदी ने कहा कि वे स्वास्थ्य और जोखिम सुरक्षा कार्यक्रमों में निवेश करती हैं।

First Published - April 3, 2023 | 11:07 PM IST

संबंधित पोस्ट