facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

Same-Sex marriage hearing today: आज छठे दिन सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ करेगी सुनवाई

Last Updated- April 27, 2023 | 3:17 PM IST
Same Sex marriage

Same-Sex marriage hearing today: भारत में सेम-सेक्स मैरिज की कानूनी मान्यता पर वर्तमान में याचिकाओं के एक बैच में चर्चा की जा रही है, आज यानी 27 अप्रैल को छठें दिन भी सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ इस मामले में सुनवाई करेगी।

भारत में विवाह समानता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में पांचवें दिन 26 अप्रैल को सुनवाई जारी रही। कम से कम 15 याचिकाओं पर सुनवाई हो रही थी। केंद्र ने शीर्ष अदालत से आग्रह किया कि संसद को उन याचिकाओं से निपटने दिया जाए जो समलैंगिक विवाहों के लिए कानूनी मंजूरी की मांग करती हैं।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र का प्रतिनिधित्व किया और व्यक्त किया कि मामला एक “बहुत जटिल विषय” है जिसका “गहरा सामाजिक प्रभाव” है। पांच जजों की संविधान पीठ की अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ कर रहे थे।

वहीं भारत संघ ने बुधवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट से सेम सेक्स मैरिज को कानूनी मान्यता मिले या नहीं इस सवाल को विधायिका के विवेक पर छोड़ने का आग्रह किया।

केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर-जनरल तुषार मेहता ने बुधवार को एक संविधान पीठ को बताया कि भारत की विधायी नीति परंपरागत रूप से एक ‘पारंपरिक पुरुष’ और एक ‘पारंपरिक महिला’ को मान्यता देने की रही है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ , और जस्टिस संजय किशन कौल , जस्टिस एस रवींद्र भट , जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की एक संविधान पीठ समलैंगिक व्यक्तियों के बीच विवाह की कानूनी मान्यता के लिए याचिकाओं के एक बैच की सुनवाई कर रही थी ।

First Published - April 27, 2023 | 11:02 AM IST

संबंधित पोस्ट