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वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रवि सिन्हा रॉ प्रमुख नियुक्त किए गए

सिन्हा ने सामंत कुमार गोयल की जगह ली है, जिनका कार्यकाल 30 जून, 2023 को पूरा हो रहा है

Last Updated- June 19, 2023 | 9:59 PM IST
Ravi Sinha

भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के वरिष्ठ अधिकारी और पड़ोसी देशों के मामलों के विशेषज्ञ रवि सिन्हा को सोमवार को भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च ऐंड एनालिसिस विंग (रॉ) का नया प्रमुख नियुक्त किया गया। सिन्हा, सामंत कुमार गोयल की जगह लेंगे। उनका कार्यकाल 30 जून, 2023 को पूरा हो रहा है।

छत्तीसगढ़ कैडर के 1988 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी सिन्हा दो दशक से अधिक समय से इस प्रतिष्ठित खुफिया एजेंसी से जुड़े रहे हैं। वह वर्तमान में इस संगठन में दूसरे नंबर के शीर्ष अधिकारी हैं। अपनी पदोन्नति से पहले वह रॉ की अभियानगत शाखा का नेतृत्व कर रहे थे। सिन्हा के ही बैच के अधिकारी तपन डेका खुफिया ब्यूरो (आईबी) के प्रमुख हैं।

कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने 59 वर्षीय सिन्हा की दो साल के कार्यकाल के लिए रॉ के सचिव के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। सिन्हा को खुफिया जानकारी एकत्र करने की प्रक्रिया में आधुनिक तकनीक को नियोजित करने में महत्त्वपूर्ण प्रगति करने का श्रेय दिया जाता है। अपनी नई भूमिका में, सिन्हा से आज के समय की चुनौतियों का सामना करने के लिए तकनीकी और मानव खुफिया आयामों को एकीकृत करने की उम्मीद है।

दिल्ली के सेंट स्टीफन्स कॉलेज के पूर्व छात्र सिन्हा ने कई क्षेत्रों में काम किया है और उनके पास अनुभव और ज्ञान का खजाना भी है। पड़ोसी देशों के मामलों के विशेषज्ञ माने जाने वाले सिन्हा की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है, जब पाकिस्तान राजनीतिक और आर्थिक रूप से उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है, कुछ देशों से सिख चरमपंथ को हवा देने की कोशिशें की जा रही हैं और पूर्वोत्तर में, खासकर मणिपुर में हिंसा को बढ़ावा दिए जाने के प्रयास हो रहे हैं। सिन्हा ने पूर्व में जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर के अलावा कई देशों में काफी काम किया है।

सिन्हा के पूर्ववर्ती गोयल को जून 2019 में दो साल के लिए रॉ प्रमुख नियुक्त किया गया था। बाद में उन्हें 2021 और जून 2022 में एक-एक साल का दो बार सेवा विस्तार दिया गया था। माना जाता है कि जम्मू-कश्मीर से संबंधित मामलों के विशेषज्ञ गोयल ने पाकिस्तान के बालाकोट में फरवरी 2019 के सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। सर्जिकल स्ट्राइक पुलवामा आतंकी हमले का बदला लेने के लिए की गई थी।

पुलवामा हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे। पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के एक आत्मघाती हमलावर ने यह हमला किया था। हमले के जवाब में, भारतीय वायु सेना ने 26 फरवरी, 2019 को बालाकोट में जैश के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर हमला किया था।

First Published - June 19, 2023 | 2:20 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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