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World Bank का भारत को RCEP में शामिल होने पर पुनर्विचार करने का सुझाव त्रुटिपूर्ण: GTRI

केवल आर्थिक मॉडल पर आधारित समाधान प्रस्तुत करने से पहले विकासशील देशों की विशिष्ट चुनौतियों तथा आर्थिक स्थितियों पर विचार किया जाए।

Last Updated- September 04, 2024 | 2:13 PM IST
World Bank's suggestion to India to reconsider joining RCEP is flawed: GTRI World Bank का भारत को RCEP में शामिल होने पर पुनर्विचार करने का सुझाव त्रुटिपूर्ण: GTRI

भारत को क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (RCEP) में शामिल होने पर पुनर्विचार करने का विश्व बैंक का सुझाव त्रुटिपूर्ण धारणाओं और पुराने अनुमानों पर आधारित है। शोध संस्थान GTRI ने बुधवार को यह बात कही।

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने कहा कि भारत जैसे विकासशील देशों के लिए नीतिगत निर्णय वास्तविक दुनिया के आंकड़ों और दीर्घकालिक प्रभावों की गहन समझ पर आधारित होने चाहिए। RCEP सदस्यों के बीच बढ़ता व्यापार घाटा और चीन-केंद्रित आपूर्ति श्रृंखलाओं पर अत्यधिक निर्भरता एक सतर्क, गहन समझ वाले दृष्टिकोण के महत्व को रेखांकित करती है।

भारत 2013 में वार्ता में शामिल होने के बाद 2019 में RCEP से बाहर निकल गया था। RCEP में 10 आसियान समूह के सदस्य ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, मलेशिया, म्यांमा, सिंगापुर, थाईलैंड, फिलीपीन, लाओस तथा वियतनाम और उनके छह एफटीए (मुक्त व्यापार समझौता) साझेदार चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया तथा न्यूजीलैंड शामिल हैं।

इसमें कहा गया, विश्व बैंक को गहन व आंकड़ों आधारित विश्लेषण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। केवल आर्थिक मॉडल पर आधारित समाधान प्रस्तुत करने से पहले विकासशील देशों की विशिष्ट चुनौतियों तथा आर्थिक स्थितियों पर विचार किया जाए। आर्थिक मॉडल केवल एक कारक होना चाहिए।

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GTRI के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘विश्व बैंक का भारत को RCEP में शामिल होने पर पुनर्विचार करने का सुझाव त्रुटिपूर्ण मान्यताओं और पुराने अनुमानों पर आधारित है।’’ विश्व बैंक ने अपनी ‘इंडिया डेवलपमेंट अपडेट’ (आईडीयू) रिपोर्ट में बदलते वैश्विक संदर्भ में भारत के व्यापार अवसरों पर सुझाव दिया कि भारत RCEP पर अपनी स्थिति सहित क्षेत्रीय एकीकरण विकल्पों पर पुनर्विचार कर सकता है।

श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘सुझाव में महत्वपूर्ण कारकों की अनदेखी की गई। इसका भारत की आर्थिक रणनीति तथा आत्मनिर्भरता लक्ष्यों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है।’’ उन्होंने कहा कि RCEP में शामिल न होने का भारत का निर्णय रणनीतिक रूप से सही था। हालांकि, जिन मुख्य चिंताओं के कारण भारत ने 2019 में RCEP से बाहर निकलने का निर्णय लिया था, वे अब भी विद्यमान हैं तथा बाद के घटनाक्रमों से और विकट हुए हैं। भारत ने 15 RCEP सदस्यों में से न्यूजीलैंड और चीन के अलावा 13 के साथ पहले ही मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) कर रखे हैं।

First Published - September 4, 2024 | 2:13 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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