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Apple ने घटाई चीन पर विनिर्माण निर्भरता, भारत और एशिया के लिए खुला निवेश का बड़ा रास्ता

Apple ने इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण में चीन पर निर्भरता घटाई, भारत और दक्षिणपूर्व एशिया में फैक्ट्रियों की हिस्सेदारी बढ़ी, नीति निर्माताओं के लिए निवेश आकर्षित करने का नया मौका।

Last Updated- June 23, 2025 | 9:44 PM IST
Apple
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

प्रौद्योगिकी क्षेत्र की वैश्विक दिग्गज ऐपल की चीन में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण हिस्सेदारी पिछले सात साल में करीब 70 प्रतिशत से घटकर 50 फीसदी रह गई है जबकि भारत और दक्षिणपूर्व एशिया की फैक्टरी हिस्सेदारी में इजाफा हुआ है। हालांकि इसकी प्रमुख आपूर्ति श्रृंखला श्रेणी जैसे प्रिंटेड सर्किट बोर्ड, प्रिंटिंग और पैकेजिंग, मोल्डेड और मेकैनिकल पुर्जों का विनिर्माण चीन में ही हो रहा है। साथ ही, विशेष रूप से इसका खास किस्म का सटीक विनिर्माण भी चीन में ही हो रहा है।

इससे भारत जैसे देशों में नीति निर्माताओं के लिए ऐसी विनिर्माण क्षमताओं में अपने आपूर्तिकर्ताओं से निवेश आकर्षित करने पर ध्यान केंद्रित करने की गुंजाइश है। अमेरिका के सार्वजनिक नीति थिंक टैंक-अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट (एईआई) की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

दिलचस्प बात यह है कि इस दबदबे के बावजूद चीन के स्वामित्व वाली कंपनियां आम तौर पर आपूर्ति श्रृंखला की कम मूल्य वाली श्रेणियों में ही भूमिका निभाती हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिक मूल्य वाले पुर्जे – यहां तक कि चीन में बने पुर्जे भी जापान, ताइवान या अमेरिका की कंपनियों के स्वामित्व वाली फैक्टरी में बनाए जाते हैं। उसने संकेत दिया कि ऐपल के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण पर चीन का एकाधिकार पिछले कुछ वर्षों से कम हो रहा है। सभी पुर्जों को एक उपकरण में जोड़ना यानी उत्पादन प्रक्रिया का अंतिम चरण, इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण या असेंबली कहलाता है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘साल 2018 की शुरुआत में ऐपल ने इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण की अपनी मौजूदगी को स्थानांतरित करना शुरू कर दिया था, जिसका कारण संभवतः चीन पर साल 2018 के अमेरिकी टैरिफ लगना था। साल 2018 से पहले इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण के करीब 60 से 70 प्रतिशत स्थल चीन में थे, जिनमें आईफोन जैसे प्रमुख उपकरणों की लगभग सभी अंतिम असेंबली शामिल थी। इसके विपरीत आज ऐपल की लगभग 50 प्रतिशत इकाइयां चीन में हैं जबकि भारत और दक्षिणपूर्व एशिया में फैक्टरी हिस्सेदारी बढ़ी है।’

ऐपल की आपूर्ति श्रृंखला में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण करने वाली 17 कंपनियों में से केवल दो ही चीन की हैं। चीन में बताई गई 34 इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण इकाइयों में से केवल तीन ही चीन की कंपनियों के पास हैं।

रिपोर्ट बताती है कि भारत और दक्षिणपूर्व एशिया के देशों में निवेश आकर्षित करने और अपनी विनिर्माण क्षमताओं को आधुनिक बनाना चाह रहे नीति निर्माताओं के पास न केवल बुनियादी असेंबली में, बल्कि कुछ अन्य पुर्जों की श्रेणियों में भी ऐपल जैसी कंपनियों के आपूर्तिकर्ताओं को आकर्षित करने की पर्याप्त गुंजाइश है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘चीन की इन फैक्टरियों में से कई का स्वामित्व विदेशी कंपनियों के पास है, जो संभावित आपूर्ति श्रृंखला में स्थानांतरण आसान करती हैं। चूंकि पश्चिम की इलेक्ट्रॉनिक कपंनियों को अधिक टैरिफ का सामना करना पड़ता है, इसलिए वे उत्पादन के और ज्यादा विविधतापूर्ण स्थलों की तलाश कर रही हैं।’

First Published - June 23, 2025 | 9:37 PM IST

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