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FAME-II: केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रमोट करने वाले फेम 2 के लिए किया 1,500 करोड़ रुपये का इजाफा

अतिरिक्त रकम देने के साथ ही सरकार ने बसों को छोड़कर अन्य सभी श्रेणियों में इस योजना के तहत सब्सिडी पाने वाले वाहनों की संख्या का लक्ष्य भी बढ़ा दिया है।

Last Updated- December 03, 2023 | 10:27 PM IST
Will EVs become expensive from the new year? Finance Ministry may withdraw from funding FAME 3 scheme

केंद्र सरकार ने देश में इले​क्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने वाले अपने फेम कार्यक्रम के दूसरे चरण (फेम 2) के लिए 1,500 करोड़ रुपये बढ़ा दिए हैं। आवंटन बढ़ने के साथ ही सब्सिडी के लिए आवंटित रकम मार्च 2024 में योजना की मियाद पूरी होने से पहले ही खत्म हो जाने का खटका भी दूर हो गया है। ई-वाहनों की जबरदस्त बिक्री के कारण इस योजना के लाभा​र्थियों की संख्या भी बढ़ रही है।

भारी उद्योग मंत्रालय के एक बयान के अनुसार फेम-2 योजना पर खर्च को 10,000 करोड़ से रुपये से बढ़ाकर 11,500 करोड़ रुपये रुपये करने का प्रस्ताव व्यय विभाग ने जांचा था और योजना के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए उसे मंजूरी दे दी गई।

मंत्रालय को चालू वित्त वर्ष के लिए 5,127 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। 2019 में 10,000 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ योजना शुरू होने के बाद से यह सबसे अधिक आवंटन है। मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक वाहनों खास तौर पर इलेक्ट्रिक दोपहिया की बिक्री में तेजी देखते हुए आशंका जताई थी कि आवंटित रकम चालू वित्त वर्ष के अंत तक खत्म हो सकती है।

मंत्रालय ने योजना को निर्धारित अव​धि तक चलाने के लिए दो कदम उठाए: पहला, 1 जून से इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए अधिकतम सब्सिडी करीब 60,000 रुपये से घटाकर करीब 22,500 रुपये कर दी गई। दूसरा, वित्त मंत्रालय से इस योजना के लिए 1,500 करोड़ रुपये और मांगे।

अतिरिक्त रकम देने के साथ ही सरकार ने बसों को छोड़कर अन्य सभी श्रेणियों में इस योजना के तहत सब्सिडी पाने वाले वाहनों की संख्या का लक्ष्य भी बढ़ा दिया है।

इस योजना के तहत सब्सिडी प्रदान करने के लिए वाहनों का लक्ष्य 11.4 लाख से करीब 56 फीसदी बढ़ाकर बढ़ाकर 17.4 लाख कर दिया गया है। ई-दोपहिया के लिए लक्ष्य 60 फीसदी बढ़ाकर 15.5 लाख कर दिया गया है और ई-तिपहिया के लिए लक्ष्य 23 फीसदी बढ़ाकर 1,55,536 कर दिया गया। ई-कार के लिए लक्ष्य 177 फीसदी बढ़ाकर 30,461 कर दिया गया मगर बसों के लिए लक्ष्य 9,458 से घटाकर 7,062 वाहन कर दिया गया है।

इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है। इस क्षेत्र की कंपनियों का कहना है कि इससे नवाचार एवं स्थिरता के प्रति सरकार का संकल्प जाहिर होता है। मगर वित्त वर्ष 2024 के बाद क्षेत्र की भविष्य पर उन्हें आशंका भी हैं।

ई-दोपहिया और ई-तिपहिया बनाने वाली गोदावरी इलेक्ट्रिक मोटर्स के सीईओ हैदर खान ने कहा, ‘ई-वाहन क्षेत्र में हर वित्तीय आवंटन स्पार्क का काम करता है, जो हमारे उद्योग को आगे बढ़ाता है। इस आवंटन से परिवहन क्षेत्र में क्रांति लाने और कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने का हमारा सामूहिक मिशन मजबूत होगा।’

उद्योग के कुछ अन्य प्रतिभागियों को चिंता है कि आवंटित रकम पर्याप्त होगी या नहीं। उनका कहना है कि 1,500 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी इलेक्ट्रिक वाहन बाजार की लगातार बढ़ती मांग पूरी करने के लिए शायद ही पर्याप्त होगी।

देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री लगातार दो कैलेंडर वर्ष में 10 लाख के पार गई है। उद्योग प्रतिभागियों का कहना है कि इस साल ई-दोपहिया की बिक्री ही 10 लाख के पार पहुंच जाएगी।

First Published - December 3, 2023 | 10:22 PM IST

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