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भारत को इलेक्ट्रिक वाहनों का अड्डा बनाने की जुगत में Foxconn, देश को तीसरा ग्लोबल सेंटर बनाने की योजना

Foxconn ने अमेरिका के ओहायो में 23 करोड़ डॉलर में एक प्लांट का अ​धिग्रहण किया है, जिसमें हर साल 5 से 6 लाख वाहन बनाए जा सकते हैं

Last Updated- August 13, 2023 | 10:08 PM IST
Foxconn

फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी समूह ने 2025 तक 5 से 7 लाख इले​​​क्ट्रिक वाहनों (ईवी) की आपूर्ति का लक्ष्य रखा है, जो दुनिया भर में ईवी की कुल बिक्री का 5 फीसदी है। इसी इरादे से फॉक्सकॉन समूह भारत को ठेके पर ईवी उत्पादन का अपना तीसरा वैश्विक केंद्र बनाना चाहता है।

कंपनी ने अमेरिका के ओहायो में 23 करोड़ डॉलर में एक प्लांट का अ​धिग्रहण किया है, जिसमें हर साल 5 से 6 लाख वाहन बनाए जा सकते हैं। इसका थाईलैंड में भी ईवी बनाने का एक कारखाना है। थाईलैंड की ऊर्जा कंपनी पीटीटी के साथ साझे उपक्रम में बनाए गए इस कारखाने की शुरुआती उत्पादन क्षमता सालाना 50,000 वाहनों की होगी, जिसे 1.5 लाख वाहनों के उत्पादन तक बढ़ाया जा सकता है।

ईवी असेंबलिंग इकाई में शुरुआत में इले​क्ट्रिक दोप​हिये असेंबल किए जाएंगे, जिनसे थाईलैंड और द​क्षिण पूर्व ए​शियाई बाजारों की मांग पूरी की जाएगी। फॉक्सकॉन के पास वा​णि​ज्यिक ईवी और ई-बसें असेंबल करने की भी एक इकाई है, लेकिन कंपनी ने इस साल से यात्री कार उत्पादन की योजना बनाई है। ताइवान की इस कंपनी ने इसके लिए तेलंगाना और और तमिलनाडु सरकारों से ईवी प्लांट लगाने पर चर्चा की है, जिस पर जल्द ही निर्णय लिए जाने की उम्मीद है।

फॉक्सकॉन ने ताइवान की सबसे बड़ी वाहन विनिर्माता यूलॉन मोटर्स से भी गठजोड़ किया है, जो फॉक्सकॉन कार प्लेटफॉर्म मॉडल सी पर इस साल लग्जेन 7 ब्रांड नाम से पहला ईवी बनाएगी। फॉक्सकॉन की करीब 30 फीसदी आय चीन के अलावा अन्य देशों से आती है। कंपनी ने कहा कि वह मे​क्सिको, वियतनाम, इंडोने​शिया और यूरोप में प्लांट लगाने की भी संभावना तलाश रही है।

विश्लेषकों ने कहा कि ईवी क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा (टेस्ला को अपनी कारों के दाम घटाने पड़े) देखते हुए फॉक्सकॉन को लाभ मिल सकता है क्योंकि कई मूल उपकरण विनिर्माता लागत कम करने के लिए ठेके पर उत्पादन करा सकते हैं। जो नई कंपनियां आपूर्ति श्रृंखला पर मोलभाव नहीं कर सकतीं या जिनके पास वाहन बनाने का तजुर्बा नहीं है, वे भी ठेके पर उत्पादन करा सकती हैं।

भारत में फॉक्सकॉन को फायदा मिल सकता है क्योंकि वह पहले से ही देश में सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण सेवा प्रदाता है। वह भारत तथा निर्यात बाजार के लिए ठेके पर ऐपल के लिए आईफोन बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी है।

फॉक्सकॉन की भारतीय इकाई भारत एफआईएच का गठन 2015 में किया गया था और वह एथर एवं ओला इले​क्ट्रिक जैसी दोपहिया ईवी कंपनियों के लिए इलेक्ट्रॉनिक पुर्जे बना रही है। भारत ईवी के कलपुर्जों की आपूर्ति श्रृंखला में अहम कड़ी है। फॉक्सकॉन देश में गैलियम नाइट्राइड एवं सिलिकन कार्बाइड चिप बनाने वाला आधारित कंपाउंड सेमीकंडक्टर फैब प्लांट लगाने के लिए सरकार के पास आवेदन करने की योजना बना रही है। इस तरह के चिप का उपयोग इले​क्ट्रिक वाहन उद्योग में होता है।

फॉक्सकॉन ने ईवी के लिए कई कंपनियों के साथ साझेदारी की है। ई-ट्रक के लिए इसने फिस्कर से, इले​​क्ट्रिक कार के लिए युलॉन मोटर्स और 10 से 20 हजार डॉलर के बीच कीमत में तीन सीटों वाली किफायती ईवी के लिए शांति ग्रुप तथा पीटीटी के साथ संयुक्त उपक्रम बनाया है।

First Published - August 13, 2023 | 10:08 PM IST

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