वैज्ञानिकों का कहना है कि मंगल ग्रह पर संभवत: किसी समय में शुष्क और आर्द्र मौसम चक्र रहा होगा और इस प्रकार, यह अपने अतीत में किसी समय रहने योग्य रहा होगा।
मंगल ग्रह पर था पानी!
नासा के ‘क्यूरियोसिटी’ रोवर (NASA’s Curiosity Rover) द्वारा मंगल ग्रह की प्रारंभिक सतह पर देखे गए मिट्टी की दरार के पैटर्न का विश्लेषण वहां पानी की अनियमित उपस्थिति की बात कहता है जिसका अर्थ है कि पानी कुछ समय के लिए मौजूद रहा होगा और फिर यह वाष्पित हो गया होगा।
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फ्रांस, अमेरिका और कनाडा के वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में कहा कि मिट्टी में दरारें बनने तक इस प्रक्रिया की पुरावृत्ति हुई होगी।
‘क्यूरियोसिटी’ रोवर पर लगे केमकैम उपकरण से संबंधित प्रमुख अन्वेषक और इस अध्ययन के लेखकों में से एक नीना लान्ज़ा ने कहा, “ये मिट्टी की दरारें हमें उस परिवर्ती समय को दिखाती हैं जब तरल पानी कुछ मात्रा में था।”
इस प्रकार, ये निष्कर्ष इस संभावना की ओर इशारा करते हैं कि मंगल पर कभी पृथ्वी जैसी आर्द्र जलवायु रही होगी और लाल ग्रह किसी समय रहने योग्य रहा होगा।
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