facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

बकरा कितना भारी.. एआई देगी जानकारी

CIRG तस्वीर प्रोसेस करने वाला एक नया एआई ऐप्लिकेशन तैयार कर रहा है, जो बकरे-बकरियों का सटीक वजन तोलने में मदद करेगा।

Last Updated- June 05, 2025 | 11:15 PM IST
'Dumba' worth Rs 4.4 lakh and 'Totapari' goat worth Rs 2 lakh in Delhi's animal markets
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

आर्टिफिशल इंटेलिजेंस अब बकरे का वजन भी तोलेगी! जी हां, बकरा खरीदने और बेचने वालों को उसके वजन या कीमत के बारे में अक्सर शुबहा होता था। मगर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का केंद्रीय बकरी शोध संस्थान (सीआईआरजी) तस्वीर प्रोसेस करने वाला एक नया एआई ऐप्लिकेशन तैयार कर रहा है, जो बकरे-बकरियों का सटीक वजन तोलने में मदद करेगा।

देश में बकरों का बाजार बेहद बंटा हुआ और असंगठित है, जो छोटे और सीमांत किसानों के लिए काम का नहीं है। कारोबारी अक्सर उन पर दबाव बनाकर बकरों को उनकी संख्या के हिसाब से खरीद ले जाते हैं। वे यह नहीं देखते कि उनकी गुणवत्ता, नस्ल, वजन कैसा है। देश में इस समय करीब 18 फीसदी बकरे-बकरी ब्लैक बंगाल नस्ल के हैं, जो उनकी सबसे आम नस्ल है और ज्यादातर पश्चिम बंगाल, बिहार तथा झारखंड में पाई जाती है।

सीआईआरजी की ऐप्लिकेशन बकरों की तस्वीर तीन अलग-अलग कोणों से लेगी और उनकी मदद से वजन का अनुमान लगाएगी। आईसीएआर-सीआईआरजी के निदेशक डॉ. मनीष कुमार चटली ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि 2019 की पशुगणना के मुताबिक देश में करीब 15-16 करोड़ बकरे-बकरियां हैं जिनमें से 80 फीसदी से अधिक यानी करीब 12 करोड़ पूरी तरह खाने के लिए तैयार किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि ऐप्लिकेशन 3-4 महीनों में जनता के इस्तेमाल के लिए पेश कर दिया जाएगा।

First Published - June 5, 2025 | 10:27 PM IST

संबंधित पोस्ट