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मौसम के पूर्वानुमान में बढ़ेगा AI का उपयोग

सेंटर फॉर साइंस ऐंड एनवायरमेंट के आकलन के अनुसार, इस साल चरम मौसम परिस्थितियों के कारण करीब 3 हजार लोगों की मौत हुई है।

Last Updated- December 22, 2023 | 10:56 PM IST
Artificial intelligence

बेमौसम बारिश, बाढ़ और सूखे जैसी मौसम परिस्थितियों के मद्देनजर मौसम संबंधी पूर्वानुमान में सटीकता लाने के लिए भारत आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित जलवायु मॉडल का परीक्षण कर रहा है।

मौसम विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। हाल के वर्षों में ग्लोबल वार्मिंग के कारण मौसम परिस्थितियों में कई बड़े बदलाव हुए हैं जिससे मौसम संबंधी चरम घटनाओं में वृद्धि हुई है।

सेंटर फॉर साइंस ऐंड एनवायरमेंट के आकलन के अनुसार, इस साल चरम मौसम परिस्थितियों के कारण करीब 3 हजार लोगों की मौत हुई है।

दुनिया भर की मौसम एजेंसियां अब एआई पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं, जिससे लागत में कमी आ सकती है और गति भी बढ़ सकती है। ब्रिटेन के मौसम विभाग कहना है कि इससे मौसम पूर्वानुमान में क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है।

मौसम का सटीक पूर्वानुमान भारत जैसे देश के लिए काफी महत्त्वपूर्ण है। 1.4 अरब लोगों के देश में बड़ी संख्या में गरीब लोग हैं और यह चावल, गेहूं और चीनी का विश्व का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक हैं।

अभी भारतीय मौसम विभाग सुपर कंप्यूटर से गणितीय मॉडल के आधार पर पूर्वानुमान निकालता है। एआई के उपयोग से कम लागत में बेहतर गुणवत्ता वाले पूर्वानुमान निकालने में मदद मिल सकती है।

मौसम विभाग में जलवायु अनुसंधान और सेवाओं के प्रमुख केएस होसालिकर ने रॉयटर्स को बताया कि विभाग जो एआई आधारित मॉडल तैयार कर रहा है उससे उम्मीद है कि बेहतर पूर्वानुमान तैयार होंगे।

होसालिकर ने कहा कि मौसम विभाग ने लू और मलेरिया जैसी बीमारियों के बारे में सार्वजनिक अलर्ट के लिए एआई का उपयोग किया है।

उन्होंने कहा कि इसकी योजना मौसम वेधशालाओं को बढ़ाने, ग्रामीण स्तर तक आंकड़े देने और संभावित रूप से पूर्वानुमानों के लिए आंकड़े प्रदान करने की है।

First Published - December 22, 2023 | 10:53 PM IST

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