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सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की योजना से फैब टूल कंपनियों की नजर भारतीय बाजार पर, इस राज्य पर फोकस

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी फैब टूल विनिर्माता और 26.52 अरब डॉलर के वार्षिक राजस्व वाली एप्लाइड मैटेरियल्स भारत में विनिर्माण इकाई लगाने की योजना बना रही है।

Last Updated- September 09, 2024 | 6:45 AM IST
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विशेषज्ञों का कहना है कि दुनिया भर में कोई भी फैब प्लांट चार प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं – एप्लाइड मैटेरियल्स, ASML, KAL और टोक्यो इलेक्ट्रॉन- के उपकरणों के बिना काम नहीं कर सकता। भारत में और अधिक सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकाइयों की योजना बनने की वजह से प्रमुख टूल विनिर्माता भी अपनी नजरें देश पर जमाए हुए हैं।

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी फैब टूल विनिर्माता और 26.52 अरब डॉलर के वार्षिक राजस्व वाली एप्लाइड मैटेरियल्स भारत में विनिर्माण इकाई लगाने की योजना बना रही है। अगर सूत्रों पर यकीन करें तो कंपनी ने अपनी महत्वाकांक्षी योजनाओं के लिए तमिलनाडु पर ध्यान केंद्रित किया है।

इसे चीन-प्लस-वन रणनीति भी माना जा रहा है क्योंकि कंपनी ने हाल में अग्रणी सेमीकंडक्टर उपकरण विनिर्माता के रूप में अपना शीर्ष स्थान गंवा दिया है। डच कंपनी एएसएमएल ने उसकी जगह ले ली है। अमेरिका के प्रतिबंधों के बावजूद एप्लाइड मैटेरियल्स अपनी 43 प्रतिशत बिक्री के लिए चीन पर निर्भर है। कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी सेमीकंडक्टर विनिर्माताओं में से एक है।

यह घटनाक्रम ऐसे समय में हो रहा है जब एप्लाइड मैटेरियल्स चेन्नई के तारामणी में सेमीकंडक्टर विनिर्माण और उपकरणों के लिए उन्नत एआई युक्त प्रौद्योगिकी विकास केंद्र लगाने की योजना बना रही है। इससे 500 नौकरियां पैदा होंगी। यह साफ नहीं है कि कंपनी भारत में अपने प्रमुख फैब टूल विनिर्माण पर ध्यान देगी या सेमीकंडक्टर विनिर्माण पर।

घटनाक्रम के जानकार उद्योग के एक सूत्र ने कहा, ‘वह भारत में लंबे समय तक काम करने पर विचार कर रही है। तमिलनाडु का यह केंद्र उसकी शुरुआत हो सकता है। इलेक्ट्रॉनिक पुर्जों और सेमीकंडक्टर के विनिर्माण को बढ़ावा देने की योजना (एसपीईसीएस) के तहत केंद्र सरकार द्वारा अपने नए प्रोत्साहन शुरू किए जाने के बाद वह (कंपनी) विनिर्माण में प्रवेश कर सकती है।’ कैलिफोर्निया की इस कंपनी ने बिजनेस स्टैंडर्ड के इन सवालों का जवाब नहीं दिया कि क्या उसने भारत में विनिर्माण के लिए चेन्नई को चुना है।

अभी तक केंद्रीय मंत्रिमंडल भारत में पांच सेमीकंडक्टर इकाइयों को मंजूरी दे चुका है। इसमें गुजरात में 2.75 अरब डॉलर के निवेश के साथ अमेरिकी कंपनी माइक्रोन की एटीएमपी (असेंबली, टेस्टिंग, मार्किंग और पैकेजिंग) इकाई और ताइवान की पॉवरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉरपोरेशन (पीएसएमसी) के साथ साझेदारी में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (टीईपीएल) द्वारा धोलेरा (गुजरात) में देश की पहली सेमीकंडक्टर फैब इकाई शामिल है।

अन्य तीन इकाइयां हैं – मोरीगांव (असम) में टाटा सेमीकंडक्टर असेंबली ऐंड टेस्ट प्राइवेट लिमिटेड (टीएसएटी), साणंद (गुजरात) में सीजी पावर की इकाई (जापान की रेनेसास इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन और थाईलैंड की स्टार्स माइक्राइलेक्ट्रॉनिक्स के साथ साझेदारी में) तथा साणंद में केनेस सेमीकॉन की इकाई।

एप्लाइड मैटेरियल्स कथित तौर पर नए बाजारों की तलाश कर रही है क्योंकि चीन ने अपनी खुद की चिप आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करने के लिए अपनी राष्ट्रीय नीति तैयार की है।

First Published - September 9, 2024 | 6:45 AM IST

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