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Vehicle stock: कारों के स्टॉक पर चिंता नहीं, त्योहारी सीजन में वृद्धि की उम्मीद

सायम के अध्यक्ष ने कहा, मुझे यकीन है कि मांग और आपूर्ति के बीच बेहतर संतुलन है

Last Updated- July 12, 2024 | 9:52 PM IST
new car launch

पिछले कुछ हफ्तों से अधिक स्टॉक होने की डीलरों की शिकायत पर भारतीय वाहन निर्माताओं के संगठन सायम के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल ने कहा कि यह चिंता की बात नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मुझे यकीन है कि मांग और आपूर्ति के बीच बेहतर संतुलन है। हमें स्टॉक की ज्यादा चिंता नहीं करनी चाहिए। इसके लिए कंपनियां जरूरी कदम उठाएंगी।’

पिछले महीने फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) ने पूरे देश में डीलरों के पास चार पहिया वाहनों के बढ़ते स्टॉक पर चिंता जताई थी। फाडा ने कहा था कि डीलरों के पास अब लगभग 5,50,000 वाहन हैं जो 60 दिनों की आपूर्ति के बराबर हैं। ब्याज खर्च बढ़ने के कारण यह अधिशेष स्टॉक डीलरों पर वित्तीय दबाव डाल सकता है।

वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में भारत में कारों का निर्यात एक साल पहले के मुकाबले 18.6 फीसदी बढ़कर 1,80,483 वाहन हो गया। कारों के निर्यात में यह वृद्धि प्रमुख बाजारों में मजबूत मांग के कारण हुई है। भारतीय वाहन निर्माताओं के संगठन सायम के शुक्रवार को जारी आंकड़े बताते हैं कि घरेलू बाजार में कारों की बिक्री स्थिर रही और 10.26 लाख गाड़ियों पर टिकी। यह एक साल पहले के मुकाबले सिर्फ 3 फीसदी की वृद्धि है। इन मासिक आंकड़ों में टाटा मोटर्स की बिक्री के आंकड़े नहीं हैं।

कारों की घरेलू बिक्री की वृद्धि कम रहने पर अग्रवाल ने कहा, ‘हमें इन मासिक आंकड़ों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं है। यह मामूली वृद्धि है। देखते हैं कि साल के आगे के महीनों में क्या होता है।’ उन्होंने कहा कि मॉनसून के सकारात्मक रुख और त्योहारों के कारण अच्छी वृद्धि की उम्मीद है। घरेलू बिक्री में लगातार गिरावट का एक कारण छोटी कारों की मांग में कमी होना है। आंकड़ों के मुताबिक सिडैन और हैचबैक जैसी छोटी गाड़ियों की घरेलू बिक्री जून में एक साल पहले के मुकाबले 17.5 फीसदी घटकर 3,41,293 वाहनों पर सिमट गई।

अग्रवाल ने कहा, ‘अगर डीलर मजबूत है तो कंपनी मजबूत है। संगठन के स्तर पर हम इसमें नहीं पड़ते। कभी कंपनियां ज्यादा उत्पादन करती हैं तो कभी कम। यह घट-बढ़ चलता रहता है। मुझे नहीं लगता है कि इससे कोई चिंता वाली बात है।’ जून में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री भी एक साल पहले के मुकाबले 13.5 फीसदी घटकर जून 6,894 वाहन रह गई। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने हाल में कहा था कि वह इस गिरावट से दुखी हैं।

इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में सुधार के बारे में पूछे जाने पर अग्रवाल ने कहा, ‘इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पुनरुद्धार शब्दों का चयन करते वक्त हमें सतर्क रहना चाहिए। यह नई श्रेणी है। यह बाजार में अभी इतने लंबे वक्त से नहीं है कि इसका आकलन किया जा सके। कुछ गिरावट आ सकती है। मगर यह बढ़ेगी, खासकर बजट के बाद हम इस श्रेणी में कुछ प्रोत्साहन की उम्मीद करते हैं।’

उत्तर प्रदेश सरकार ने इस महीने की शुरुआत में हाइब्रिड कारों पर पंजीकरण कर हटा दिया था जो एक्स-शोरूम कीमत का 8 से 10 फीसदी था। अग्रवाल ने कहा, ‘इस मसले पर हमारे वाहन उद्योग की कंपनियों की राय जुदा-जुदा है। इसलिए हम इस मसले पर टिप्पणी नहीं करेंगे।’ मारुति सुजूकी और टोयोटा जैसी कंपनियां हाइब्रिड कारों के लिए अधिक प्रोत्साहन के पक्ष में हैं वहीं टाटा मोटर्स और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा जैसी अन्य कंपनियों ने सरकार से केवल इलेक्ट्रिक कारों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा है।

First Published - July 12, 2024 | 9:52 PM IST

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